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बीकानेर,भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, बीकानेर जिले की सभी ग्राम पंचायतों को तंबाकू मुक्त ग्राम पंचायत बनाया जाएगा। इस दिशा में एसआरकेपीएस और जिला परिषद के संयुक्त तत्वावधान में जिला परिषद सभा कक्ष में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि युवाओं को तंबाकू उत्पादों से दूर रखकर नशा मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खाने वाले तंबाकू उत्पादों का अधिक उपयोग हो रहा है, जिसे रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि, ग्राम विकास अधिकारी और अन्य कार्मिक मिलकर प्रयास करेंगे। उन्होंने पंचायती राज विभाग के सभी कार्मिकों से आह्वान किया कि वे सामूहिक प्रयासों से प्रत्येक ग्राम पंचायत में पहले चरण में तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों की स्थापना करें और फिर चरणबद्ध तरीके से तंबाकू मुक्त भवन और ग्राम पंचायत बनाने की दिशा में कार्य करें। एसआरकेपीएस प्रतिनिधि राजन चौधरी ने बैठक में उपस्थित पंचायत समिति

के विकास अधिकारियों और अतिरिक्त विकास अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन 200 लोग तंबाकू का सेवन छोड़ देते हैं, लेकिन यह छोड़ना उनकी इच्छा से नहीं, बल्कि तंबाकू जनित बीमारियों से होने वाली मौतों के कारण होता है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए युवाओं को मीठी सुपारी, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन से दूर रखना होगा। राजन चौधरी ने भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार तंबाकू मुक्त ग्राम पंचायतों की अवधारणा पर विस्तार से प्रकाश डाला और जिले की सभी ग्राम पंचायतों को तंबाकू मुक्त बनाकर सतत विकास लक्ष्य (SDG) हासिल करने की दिशा में मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। कार्यशाला में एसआरकेपीएस प्रतिनिधि निरंजन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। परियोजना अधिकारी हैदर अली ने कोटपा (COTPA) और तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा की और अंत में सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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