बीकानेर,बच्चों के अश्लील वीडियो देखने व सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की नजर है। जो न केवल लोगों का डेटा तैयार करती है बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए एसओजी को भेजती है। एसओजी जिला साइबर क्राइम सेल और थाने के जरिए कार्रवाई अमल में ला रही है। जिले में अब तक एक दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। इनमें कई मामलोंं को अभियुक्तो को डिटेन किया जाकर सलाखों के पीछे भी पहुंचाया जा चुका है। सबसे पहला मामला कोटगेट थाने में दर्ज हुआ और पुलिस ने इस मामले में आरोपी युवक केजी कॉम्पलेक्स के पास उसके मकान से डिटेन कर हिरासत में लिया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार चाईल्ड पॉनोग्रामी के सवार्धिक मामले नोखा थाने में दर्ज हुए है,इसके अलावा नया शहर,पांचू और श्रीडूंगरगढ़ में भी चाईल्ड पॉनोग्रामी के केस दर्ज हो चुके है। आरोपी की जानकारी दी। साइबर सेल ने तथ्यात्मक जानकारी जुटाकर रामगंज थाने को शिकायत भेजी। जिला पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने के साथ उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करना अपराध है। अपने मोबाइल फोन, लेपटॉप या सोशल मीडिया के किसी भी माध्यम पर देख रहे हैं या अपलोड कर रहे हैं तो सर्वर के माध्यम से एफबीआई व एनसीआरबी के नजर में आ सकते हैं। कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
यूं रखी जाती है नजर
सोशल मीडिया पर अपलोड होने वाले अश्लील वीडियो पर इंटरपोल (अंतरर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) व एफबीआई (फेड्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) नजर रखती है। अपराध के लिए गठित अन्तरराष्ट्रीय स्तर के दोनों संगठन देश के राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को डेटा मुहैया कराते हैं। एनसीआरबी से मिले डेटा को प्रदेश में एटीएस व एसओजी टिप लाइन बनाकर जिला पुलिस को भेजती है। साइबर सेल आरोपी के मोबाइल फोन, लेपटॉप, कम्प्यूटर के आईपी एड्रस के माध्यम से संबंधित थाना पुलिस को भेजती है।