बीकानेर,बेशक गहलोत सरकार ने जन कल्याण की योजना और कामों को उनके धुर विरोधी भी सराहते हैं। उनकी जन कल्याण की योजनाओं की अन्य राज्यों की सरकारे भी तुलना करती है। सामाजिक सुरक्षा, नि:शुल्क दवा योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, ओल्ड पेंशन योजना, वकीलों की सुरक्षा, आहार और शिक्षा योजनाओं में राजस्थान सरकार के कामों की गाहे बगाहे प्रशंसा होती रही है। क्या गहलोत जिस भावना से सरकार में जनहित में काम करते हैं वैसी भावना उनकी सरकार के मंत्रियों की भी है? तो मुख्यमंत्री जी आलोचना भी सुन लो। आपके मंत्री और श्रीकोलायत विधायक भंवर सिंह भाटी पिछले एक वर्ष से किसानों की बद दुआएं ले रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा के बीकानेर आगमन से श्रीकोलायत में खातेदारी देने का सच तो जान लें। यह राजनीतिक दौरा जनता के हित में हो जाएगा।
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीकानेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक लेकर यहां के मंत्रियों की करतूतों को भी जान लें तो कांग्रेस पार्टी के हित में रहेगा। मुख्यमंत्री जी बीकानेर में जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों की पैतृत्व कृषि भूमि जिसे उपनिवेशन क्षेत्र में शामिल कर लिया गया था। उसकी खातेदारी सनद सारी प्रक्रियाएं पूरी होने के बावजूद नहीं मिल पा रही है। आवंटन सलाहकार समिति की बैठक नहीं होने से खातेदारी नहीं दी जा रही है। बैठक मंत्री के अनुचित हस्तक्षेप के चलते घोषणा के साल भर बाद भी नहीं हो रही है। यही शिकायत जिला स्तरीय जन सुनवाई में दो बार रिकार्ड में दर्ज है। संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने डेढ़ वर्ष में सात बार उपनिवेशन विभाग के अधिकारियों को समाधान करने के लिखित निर्देश दिए है। वे जब खुद उपनिवेशन विभाग में आयुक्त थे तब खातेदारी देने की कार्रवाई तो पूरी कर दी, परंतु आवंटन सहलाकर समिति की मीटिंग करके खातेदारी सनद जारी नहीं हुई। खातेदारी देने के प्रकरण जिला स्तरीय जन सुनवाई, संभागीय आयुक्त की जन सुनवाई और अब पंचायत स्तरीय जन सुनवाई के बाद भी आवंटन सलाहकार समिति की बैठक नहीं हो पाने पर अटकी हुई है। प्रभारी सचिव आलोक गुप्ता ने भी इसे जिले की जन सुनवाई की समीक्षा में लिया है। उपनिवेशन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मंत्री जिस दिन मीटिंग बुलाते हैं खातेदारी जारी कर दी जाएगी। मंत्री के आदेश का इंतजार है जनता कि मंत्री नहीं सुन रहे हैं। इसका संदेश अशोक गहलोत की मंशा के विपरीत जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इसकी नियमित समीक्षा की जाती है। इस अनदेखी के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है? श्रीकोलायत के काश्तकारों को आवंटन समिति की ओर से सालभर खातेदारी नहीं देना, पारदर्शी, संवेदनशील सरकार की छवि के लिए भ्रष्टाचार की नजरी बन रही है। विधानसभा चुनावों की रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी ने अब विभिन्न जिलों में कार्यकर्ताओं की टोह लेनी शुरू कर दी है। इस बहाने सरकार को जनता की पीड़ा भी पता चल सकेगी। न्याय भी मिल सकेगा। नेताओं की जनता के साथ अपने विधानसभाओं में मनमानी पर भी रोक लग सकेगी। मुख्यमंत्री जी आपका बीकानेर में स्वागत। प्रदेश में अच्छा नेतृत्व देने के प्रति आभार भी। जनता के दर्द का सच जान लेना। दुआएं मिलेगी।