बीकानेर,राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) चार प्रतिशत बढ़ा दिया है.
इससे प्रदेश के साढे़ 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा, वहीं सरकार के खजाने पर सालाना 1640 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा. कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक जनवरी 23 से महंगाई भत्ता मिलेगा. इसमें एक जनवरी से 31 मार्च तक का भत्ता कर्मचारी के जीपीएफ खाते में जमा होगा तथा एक मई को मिलने वाली अप्रैल महीने की तनख्वाह में भत्ता जुड़कर आएगा.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की दर चार प्रतिशत बढ़ाने के आदेश जारी किए. इसके एक दिन बाद ही बाद ही राज्य सरकार ने भी महंगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए. वित्त विभाग के आदेश के अनुसार महंगाई भत्ते की गणना मूल वेतन से होगी . निर्धारित स्तरों के वेतन मैट्रिक्स में आहरित वेतन और इसमें विशेष वेतन या व्यक्तिगत वेतन जैसा किसी अन्य प्रकार का वेतन शामिल नहीं होगा. 50 पैसे और उससे अधिक के अंश वाले महंगाई भत्ते के भुगतान को अगले उच्च रुपए में पूर्णांकित किया जा सकता है और 50 पैसे से कम के अंश को छोड़ दिया जा सकता है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर दी जानकारी
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अनुरूप ही राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते तथा पेंशनर्स को देय महंगाई राहत की दर में चार प्रतिशत बढ़ोतरी करने की मंजूरी की जानकारी दी. गहलोत ने लिखा कि अब राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को 1 जनवरी 2023 से 38 प्रतिशत के स्थान पर 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत दर देय होगी. इससे पहले राज्यकर्मचारियों को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की दर मिल रही थी.
कर्मचारियों को होगा फायदा
सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि कर्मचारियाें को संबल देने के लिए राज्य सरकार सालाना करीब 1640 करोड़ रुपए वहन करेगी. इस निर्णय से लगभग 8 लाख कर्मचारियों एवं 4.40 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा. बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ राज्य कर्मचारियों व पेंशनर्स के अतिरिक्त पंचायत समिति तथा जिला परिषद के कर्मचारियों को भी देय होगा.