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बीकानेर के उपखंड लूणकरणसर के ग्रामीण क्षेत्र मेघाना, बड़ेरन , गोपल्याण, जैतपुर, राइका चक व धीरदेसर से आये राइका जाती के ऊँट पालकों ने भारत सरकार के भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद से मिलकर बताया कि करीब तीन साल से ऊँटो में खुजली रोग चल रहा है । पूर्व में हमारे द्वारा विभाग को अवगत करवाये जाने पर एक बार टीकाकरण का कार्य भी अमल में लाया गया था । जो पर्याप्त नहीं था । इससे कुछ समय बाद ही ऊँटो में पुनः खुजली रोग आरम्भ हो गया । रोग निदान व उपचार के लिए चिकित्सा शिविर लगवाए जाने की मांग की इस पर बैद ने अध्य्क्ष भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड, निदेशक पशुपालन राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उपरोक्त विषय की जानकारी देकर बताया कि चिकित्सा शिविर लगवाए जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए जाने वाले चिकित्सा शिविर दिनांक की जानकारी केम्प पूर्व ग्रामीणों को मुहैया करवाने से ऊंट पालक अपने ऊँटो को एकत्रित कर उनके वैक्सीन लगवा पाएंगे ।

दूसरी और खेतों में नुकीले तारों से अनेक ऊँट काल के ग्रास बन रहें है । जिनका मुख्य कारण ग्रामीणों द्वारा खेत में पशुओं का आगमन न हो के लिए लगाए जाने वाले नुकीले तार हैं जिनमे उलझ कर ऊंट, सांड,टोंडिया के चोटिल होने से पांवों में बड़े घाव हो जाते हैं ऊँटो में लगने के बाद इन्हें खुले में पकड़ना आसान नहीं रह जाता व इनका इलाज भी नही होने के कारण ये दम तोड़ रहें है । राज्य पशु होने के नाते इन्हें बचाये जाना आवश्यक है वंही रेबारी जाती के लोग जिनका मुख्य कार्य ऊंट पालन है को भी ऊँटो के संरक्षण से बचाया जा सकता है ।

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