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बीकानेर,पश्चिमी चक्रवात से बिगड़े मौसम से बीकानेर, लूणकरणसर, श्रीडूंगरगढ़ और नेखा के गांवों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के सपनों को चकनाचूर कर दिया. बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में लगी इसबगोल और जीरे की फसल नष्ट हो गई।

दोनों फसलों में जहां देर से बोई गई, वहां 10-15 फीसदी तक जरूर खड़ी हुई। अन्य सभी फसलें खराब हो गईं। वहीं, गेहूं, चना और सरसों की फसल में 15 से 20 फीसदी तक नुकसान हुआ है।

हालांकि कृषि विभाग इसबगोल में 50 से 90 प्रतिशत, जीरा में 20 से 30 प्रतिशत और गेहूं, चना और सरसों में 5 से 7 प्रतिशत खराब होने की बात मान रहा है. किसानों और कृषि विभाग के आंकड़ों में भले ही बड़ा अंतर हो, लेकिन मौसम के इस बर्ताव ने किसानों की कमर जरूर तोड़ दी है.

बीकानेर जिले में इस बार करीब 12 हजार हेक्टेयर में ईसबगोल और 9 हजार हेक्टेयर में जीरे की बुआई हुई है. वहीं कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी ने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश से खराब हुई फसलों का सर्वे कराया जा रहा है. जहां-जहां ओले गिरे हैं, वहां-वहां ईसबगोल और जीरे की फसल को नुकसान जरूर हुआ है।

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