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बीकानेर,जयपुर। कहने को तो प्रदेश में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के स्कूलो को शिक्षा के नाम पर खोल दिया गया है, जहां पहले दिन ही बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी की धज्जियां उड़ती हुई देखी गई थी वही अब दूसरे दिन भी वही हाल देखने को मिला। संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा की ” ऐसी एसओपी जारी करने की आवश्यकता नही थी जिसको लेकर गंभीरता ही नही बरती जा रही है। ” सरकार, प्रशासन और स्कूल संचालकों ने मिली भगत कर स्कूल खोलने का निर्णय पूरी तरह थोप तो दिया किन्तु अब वह अपने इस निर्णय पर पश्चाताप करने पर मजबूर हो रहे है।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि प्रदेश का अभिभावक अपने फैसले और निर्णय पर अडिग है, सोचना सरकार और स्कूल संचालकों को है अगर वह अभिभावकों की मांगों को दरकिनार करेंगे तो अभिभावक ईंट का जवाब पत्थर से देंगा। अभिभावक भी चाहता है स्कूल खुले किन्तु इससे पूर्व जो अभिभावकों की शंका है पहले उनको दूर किया जाए, उनकी जो मांगे है वह मानी जाए। किन्तु ना शंकाओं का समाधान किया जा रहा है और ना ही उनकी सुनी जा रही है। जिसका परिणाम यह है कि अभिभावकों ने राज्य सरकार के स्कूलो के निर्णय को अस्वीकार करते हुए दूसरे दिन भी बच्चों को स्कूलो में नही भेजा, गुरुवार को भी प्रदेश के स्कूलो में 25 फीसदी से भी कम बच्चे स्कूलो में गए, जिसका कारण मात्र शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी की धज्जियां उड़ना रहा।

*ऑनलाइन क्लास बन्द कर स्कूल आने का दबाव बना रहे है स्कूल संचालक*

संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि लगातार दूसरे दिन भी अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नही भेजा, जबकि संयुक्त अभिभावक संघ पिछले 10 दिनों से लगातार दावा कर स्कूल, प्रशासन और सरकार को चेता रहा था किंतु किसी ने ध्यान नही दिया, संघ ने कहा था 75 फीसदी से अधिक अभिभावक अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नही है किंतु अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर दिया। गुरुवार को राजधानी जयपुर शहर के निजी स्कूल का मामला सामने आया है जिसने बच्चे की ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी है, ऑनलाइन क्लास बन्द करने की जानकारी मांगी गई तो स्कूल संचालक ने स्कूल में आकर पढ़ने के लिए बोला, स्कूल संचालक ने कहा कि अब से ऑनलाइन क्लास बन्द की जा रही है पढ़ना है तो स्कूल में आकर पढ़े। जबकि अभिभावक ने संचालक से बात करते हुए कहा कि गाइडलाइन के अनुसार दोनों सुविधा उपलब्ध है अभी हम बच्चे को स्कूल नही भेजेंगे, ऑनलाइन पढ़ाई ही करवाएंगे। तो संचालक ने ऑनलाइन की मना कर दिया। जो पूरी तरह से अनैतिक है। संयुक्त अभिभावक संघ को दोपहर 4 बजे अभिभावक ने अपनी समस्या बताई। ठीक ऐसा ही मामला मालवीय नगर में भी सामने आया, जिसमे अभिभावक ने बताया कि उनकी बच्ची 9 वीं कक्षा में पढ़ती है, स्कूल ने ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी और स्कूल में पढ़ने का दबाव बनाया जा रहा है, स्कूल संचालक बोल रहे है 5 बच्चो के लिए ऑनलाइन क्लास नही लगाई जा सकती, बच्ची को पढ़ाना है तो स्कूल भेजो। दोनों ही मामलों ने संघ स्कूल से सोमवार को वार्ता करेगा। अगर वह मान जाते है तो ठीक है अन्यथा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।

*किशनगढ़ में वाहन रैली निकाल अभिभावक करेंगे विरोध प्रदर्शन, देंगे क्षेत्रीय विधायक और एसडीएम को ज्ञापन*

एक तरफ स्कूल खोलने को लेकर अभिभावक अपना विरोध जता रहे है वही पिछले डेढ साल से फीस को लेकर चल रहा फसाद थमने का नाम नही ले रहा है। शुक्रवार को अजमेर जिले के किशनगढ़ शहर में संयुक्त अभिभावक संघ की किशनगढ़ शाखा द्वारा प्रातः 9.30 बजे शाखा अध्यक्ष सुमित बेनावत के निर्देशन में डाक बंगले से ” फीस एक्ट 2016 और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना ” सुनिश्चित करवाने की मांग को लेकर वाहन रैली निकाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद क्षेत्रीय विधायक और एसडीएम को ज्ञापन सौपा जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन में जयपुर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र भवसार सहित अजमेर जिला अध्यक्ष लोकेंद्र खण्डेलवाल, महामंत्री मुकेश पारीक व अजमेर जिले की कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

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