बीकानेर, बेरोजगारी उन्मूलन में खादी और ग्रामोद्योग संस्थाओं की भूमिका पर चर्चा और विमर्श के लिए बीकानेर में 26 व 27 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में इस संबंध में आयोजित तैयारी बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी आज सरकारों और समाज के सामने बड़ी चुनौती है। हर हाथ को काम देने की ताकत खादी और ग्रामोद्योग के पास है। इस सम्मेलन में देशभर में खादी पर काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे तथा नई पीढ़ी को खादी के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया आदि की भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के रचानात्मक कार्यों से युवा पीढ़ी को जोड़ने की दिशा यह अहम कार्यक्रम होगा। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री खादी उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। निदेशालय का भी प्रयास रहेगा कि खादी और ग्रामोद्योग की संस्थाओं के सम्बलन के साथ युवा पीढ़ी को रोजगार देने के संदर्भ में जानकारी पहुंचे।
बैठक में जैसलमेर खादी संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह ने कहा कि खादी कम से कम पूंजी में अधिक से अधिक रोजगार देने की क्षमता रखतीं है। खादी एवं ग्रामोद्योग प्रतिनिधियों के सुझाव सरकार तक पहुंचाने और इस मंथन से कई नवाचार प्रारम्भ करने की दिशा में यह कार्यशाला अहम होगी।
इस अवसर पर खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने कहा कि गांधी और ग्रामोद्योग देश में बेरोज़गारी की के समस्या के समाधान में बड़ी हिस्सेदारी निभा सकता है। शांति एवं अहिंसा विभाग द्वारा गांधी दर्शन के साथ-साथ उनके रचानात्मक कार्यों से युवा पीढ़ी को जोड़ने के उद्देश्य से यह राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित की जा रही है।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कार्यशाला के संबंध में की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।
बैठक में श्रवण तंवर सहित खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं के विभिन्न प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे। बैठक में सीईओ जिला परिषद नित्या के ने आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम की रूपरेखा और सत्रों की जानकारी दी।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) पंकज शर्मा, सचिव नगर विकास न्यास यशपाल आहूजा, गांधी दर्शन जिला समिति के संयोजक संजय आचार्य, सह संयोजक जाकिर पठान, खादी ग्रामोद्योग के शिशुपाल सिंह, एडीपीसी गजानंद सेवग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।