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बीकानेर,इन्दिरा गांधी नहर के मरम्मत का कार्य प्रस्तावित होने के कारण इस बार भी 60 दिन के लिए नहरबंदी की जाएगी। इसकी तैयारियां चल रही है। इस अवधि में पेयजल संकट नहीं रहे इसके लिए जलदाय विभाग अभी से पानी का भंडारण कर रहा है।

नहरबंदी इस बार 28 मार्च से 29 मई तक प्रस्तावित है। इस दौरान 26 मार्च से 30 दिन तक पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से की जाती रहेगी और 25 अप्रेल से 29 मई तक नहर से पेयजल आपूर्ति नहीं होगी।

इसके लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के समस्त जलाशयों और डिग्गियों को पूर्ण रूप से भरवा जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित काश्तकारों की डिग्गियों को भी भरवाने का कार्य दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुख्य नहर में भी 10 स्थानों पर क्रॉस रेग्यूलेटर्स पर पानी का भण्डारण किया जाएगा। सिंचाई बारी समाप्त हो जाने पर इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की शाखाओं, वितरिकाओं में भी यथासंभव पानी का भण्डारण करने की व्यवस्था की जाएगी।

63 साल पुरानी नहर हो रही जर्जर…

इंदिरा गांधी नहर का निर्माण 1960 के दशक में किया गया था। तब से अब तक लगभग 63 वर्ष बीत चुके हैं। यह नहर जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। लगातार चलते रहने से अब हर समय इसके क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना बनी रहती है। नहर से पानी का रिसाव भी बहुत हो गया है। इस कारण काश्तकारों को समुचित मात्रा में सिंचाई के लिए पानी और 10 जिलों में पेयजल आपूर्ति करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2019 में पंजाब सरकार, केन्द्र सरकार से हुए समझौते के आधार पर ही इसका जीर्णोद्वार किए जाने का निर्णय किया गया। बीते दो साल में चरणबद्ध रूप से इन्दिरा गांधी फीडर और नहर की रिलाईनिंग एवं मरम्मत का कार्य प्रत्येक वर्ष 60 दिवसीय नहर बन्दी लेकर किया जा रहा है।

पहले 65 दिन थी प्रस्तावित…

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार एवं राजस्थान सरकार के मध्य बनी सहमति के आधार पर इस साल नहरबंदी 28 मार्च से 29 मई तक की अवधि के लिए जाने की अधिसूचना पंजाब सरकार की ओर से जारी की गई है। पंजाब सरकार ने अधिसूचना में 65 दिन की नहरबंदी घोषित की है, उसे कम कर 60 दिवस रखने के प्रयास राज्य सरकार के स्तर पर किये जा रहे है। जिसमें प्रथम 30 दिवस तक आशिंक नहरबंदी रहेगी, इसके बाद पूर्ण नहरबंदी रहेगी। पूर्ण नहरबंदी के दौरान मुख्य नहर में पानी नहीं रहेगा।

नहर में किया जाएगा भंडारण…

इसके अतिरिक्त मुख्य नहर में भी 10 स्थानों पर क्रॉस रेग्यूलेटर्स पर पानी का भण्डारण किया जाएगा। सिंचाई बारी समाप्त हो जाने पर इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की शाखाओं, वितरिकाओं में भी यथासंभव पानी का भण्डारण करने की व्यवस्था की जाएगी। इन सबके अतिरिक्त किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा कन्टीजेन्सी प्लान भी तैयार किया गया है।

आईजीएनपी के अधीषासी अभियंता विवेक गोयल के अनुसार मुख्य नहर एवं फीडर की मरम्मत किया जाना अति आवश्यक है, इससे इस नहर में क्षमता अनुसार पानी चलाया जा सकेगा एवं पानी का रिसाव भी काफी हद तक कम हो जाएगा। ताकि भविष्य में सिंचाई पानी और पेयजल की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।

जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग की ओर से पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के समस्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर ली गई है, जिससे आमजन पर नहर बन्दी का ज्यादा प्रभाव नहीं रहे।

पानी खर्च में बरते मितव्ययता…

अधिकारियों ने आमजन से पानी को मितव्ययता के साथ खर्च ने की अपील की है। अधीक्षण अभियंता के अनुसार पानी की महता से पश्चिम राजस्थान के आमजन भलिभाँति परिचित है। आप सभी नागरिकों के पूर्व दो वर्षो की नहरबंदी में दिए गए सहयोग के कारण ही नहर की मरम्मत का कार्य किया जाना संभव हो सका। इस वर्ष भी सम्पूर्ण तैयारी के बावजूद भी आमजन से अपेक्षा है कि नहरबंदी के दौरान नहर के मरम्मत के कार्यो से होने वाले अत्यधिक फायदे को ध्यान में रखते हुए, पानी का मितव्ययता से उपयोग करें।

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