Trending Now




बीकानेर,नई दिल्ली, कोरोना वायरस के खिलाफ कई वैक्सीन जरूर आ चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई असरदार दवा नहीं बना है। लेकिन, पहली बार ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जीवनरक्षक दवाई बनाने के करीब वैज्ञानिक पहुंच गये हैं।ब्राजील में रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि दुनिया के सबसे विषैले सांप के अंदर एक ऐसा अणु है, जो कोरोना वायरस को रोकने में कामयाब साबित हो गया है।ब्राजील के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि, एक प्रकार के सांप के जहर में एक अणु ने बंदर की कोशिकाओं में कोरोनावायरस प्रजनन को रोक दिया है, जो कोविड -19 के कारण वायरस का मुकाबला करने के लिए एक दवा की ओर एक संभावित पहला कदम साबित हो सकता है। इस महीने वैज्ञानिक पत्रिका मोलेक्यूल्स में प्रकाशित एक रिसर्च में दावा किया गया है कि जराकुसु पिट वाइपर सांप के जहर में एक ऐसा अणु मौजूद है, जो कोरोना वायरस को रोकने में कामयाब साबित हो रहा है। बंदरों के ऊपर वैज्ञानिकों ने जब रिसर्च किया, तो पाया का कि बंदर के अंदर 75 प्रतिशत कर कोरोना वायरस को रोकने में सांप के जहर में मौजूद ये अणु कारगर है। जिसके बाद काफी संभावना बन गई है कि बहुत जल्द दुनिया के सामने कोरोना वायरस का जहर मिल जाए।

वैज्ञानिकों ने क्या कहा?

साओ पाउलो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इस रिसर्च के लेखक राफेल गुइडो ने कहा कि, ‘हमने रिसर्च के दौरान देखा है कि सांप के जहर में मौजूद एक घटक वायरस के एक बेहद महत्वपूर्ण प्रोटीन को रोकने में सक्षम साबित हुआ है’। प्रोफेसर राफेल ने कहा कि, ‘सांप के जहर के अंदर मौजूद अणु एक पेप्टाइड यानि अमीनो एसिड की श्रृंखला है, जो PLPro नामक कोरोनावायरस के एक एंजाइम से जुड़ जाता है, जिसके बाद कोरोना वायरस शरीर के अंदर कॉपी बनाना बंद कर देता है।’ उन्होंने कहा कि, ‘साधारण शब्दों में समझें तो सांप के जहर में जो अणु मिला है, वो उस प्रोटीन कोशिका को निष्क्रीय कर देता है, तो कोरोना वायरस के तेजी से विस्तार के लिए जिम्मेदार होते हैं।’

”जहर को दवा मानने की गलती ना करें”

आपको बता दें कि इस रिसर्च के पब्लिश होने के बाद अब आशंका इस बात की लगाई जा रही है कि ब्राजील में पाए जाने वाले जराकुसु पिट वाइपर सांप का लोग तेजी से शिकार करना शुरू कर देंगे। लिहाजा वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर कहा है कि सांप का जहर कोई दवा नहीं है और सांप के जहर से कोरोना वायरस ठीक नहीं हो सकता है, बल्कि सांप का जहर इंसानों की जान ले सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘सांप के जहर में मौजूद अणु को वैज्ञानिक पत्धति से निकालकर उससे दवाई बनने की संभावना है और दवा बनाने की दिशा में काम जाी है।’ आपको बता दें कि जराकुसु पिट वाइपर विश्व के सबसे खतरनाक सांपों में से एक माना जाता है, जो ब्राजील के एक आइलैंड पर पाया जाता है। ये सांप करीब 6 फीट लंबा होता है और काफी ज्यादा खतरनाक होता है।

अब इंसानों के ऊपर होगा प्रयोग

वैज्ञानिक पाउलो ने कहा कि, “हमारे लिए नई चिंता की बात ये है कि अब ब्राजील और आसपास के लोग सांपों का भारी संख्या में शिकार शुरू कर सकते हैं कि वो दुनिया को बचाने जा रहे हैं। लिहाजा हम इसको लेकर पूरी तरह से सावधान हैं। ब्राजील के आसपास जराकुसु का शिकार ना हो, ऐसी व्यवस्थआ की जा रही है।” रिसर्चर्स ने कहा कि आने वाले वक्त में अब इसका परीक्षण इंसानों पर करने की तैयारी की जाएगी। अब प्रयोगशाला में देखा जाएगा कि सांप के जहर का अणु किस स्तर पर इंसानों में प्रभावी हो सकता है और ये भी देखने की कोशिश की जाएगी कि जंहर के अंदर मौजूद ये अणु कोरोना वायरस को किस स्तर पर रोकने में सक्षम है।

Author