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बीकानेर,गणगौर पर्व के उपलक्ष्य में लोकनृत्य, गरबा एवं गीत – संगीत के श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल के अभिनव आयाम “राजस्थानी – रास” में शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों ने मिलकर ऐसे समां बांध दिये, जो मधुर स्मृतियों के रूप में सदैव तरोताजा रहेंगे। गोपेश्वर बस्ती स्थित पी एन पैलेस में आयोजित किए गए इस अभिनव कार्यक्रम के दौरान इनके थिरकते कदम न थक रहे थे और न ही रूक रहे थे। विद्यापीठ की प्रधानाध्यापिका भंवरी देवी के मुताबिक छोटे छोटे बच्चे, अपने अभिभावकों के साथ विभिन्न सांस्कृतिक आयामों में मस्त रहे तो शाला के टीचर्स ने भी भरपूर एंज्वॉय किया। कई नृत्यों पर अभिभावकों, टीचर्स और बच्चों ने मिलकर शानदार प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए इस तरह के लोक – सांस्कृतिक आयोजनों की महती आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय बाहर मासों में आने वाले सभी पर्वों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में हर दिन कोई न कोई पर्व होता है और वर्तमान में हम पश्चिमीकरण की अंधी दौड़ में खोते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “राजस्थानी – रास” कार्यक्रम में आकर लोक – संस्कृति के संरक्षण के सार्थक प्रयास देखकर अभिभूत हूँ। डॉ. कल्ला ने शाला प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री गोपेश्वर विद्यापीठ अपने नवाचारों के लिए जानी जाती है। समय समय पर यहाँ आकर देखने का अवसर भी मिलता है कि यह स्कूल सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए नित नवीनतम आयामों के माध्यम से सार्थक और सकारात्मक कार्यो का संपादन कर रही है। इस अवसर पर भारत स्काउट व गाइड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विमला डुकवाल ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी विराट और महान संस्कृति से बच्चों को जोड़ने हेतु इस तरह के सशक्त आयोजनों की अति आवश्यकता है। उन्होंने कार्यक्रम की शालीनता, भव्यता और अनुशासन की मुक्त कंठ से सराहना की। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, सुनील कुमार बोड़ा ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि एक बेहतरीन आयोजन का साक्षी बनना गौरवान्वित करने वाला होता है और ऐसा ही इस आयोजन में आकर अनुभव हो रहा है। इस अवसर पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, श्रीरामसर की प्रधानाचार्य श्रीमती संगीता टाक ने कहा कि हमारी गौरवान्वित करने वाली सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पित भाव से आयोजित यह सराहनीय कार्यक्रम निश्चित रूप से सभी संभागियों को मनोरंजन के साथ साथ संस्कृति से भी जोड़ेगा। पत्रकार मुकेश पुरोहित ने इस अवसर पर मिमिक्री के माध्यम से सभी को सम्मोहित किया तो गीत गाकर भी दाद लूटी। ठाकुरदास स्वामी ने पशु पक्षियों की आवाज निकालकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। सिंगर विजय स्वामी ने किशोर कुमार के दो गीत सुनाकर दाद हासिल की। श्री गोपेश्वर विद्यापीठ के जंबूरी के संभागी स्काउट व गाइड का सम्मान शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने किया। स्कूल की इक्कीस प्रतिभाओं का सम्मान भी इस दौरान किया गया। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड की विभिन्न गतिविधियों में शामिल होकर विभिन्न चरणों को हासिल करने वाले इक्यानवे स्टूडेंट्स को इस अवसर पर प्रमाण – पत्र देकर सम्मानित किया गया। गीता प्रतियोगिता में अव्वल रहने वाले स्टूडेंट्स को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया। राणसिंह राजपुरोहित एवं बसंती देवी का विशिष्ट सम्मान इस अवसर पर किया गया। जिला विज्ञान समन्वयक करनीदान कच्छवाह, हिमांशू साध, राजू भाई इत्यादि को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। विद्यापीठ के संस्थापक मनोज कुमार खैरीवाल ने शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला को साफा पहनाकर स्वागत किया। एस सी ई आर टी के सदस्य कृष्ण कुमार स्वामी ने शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। वार्ड पार्षद एडवोकेट सुशील कुमार सुथार, वार्ड पार्षद भंवरलाल साहू, वार्ड पार्षद रामदयाल पंचारिया, सी ओ स्काउट जसवंत सिंह राजपुरोहित, दवा विक्रेता संघ के सचिव किशन जोशी, वरिष्ठ पत्रकार श्याम मारू, भवानीशंकर जोशी, ओम दैया, सहायक लोक अभिभाषक एडवोकेट धीरज चौधरी,  मुनींद्र प्रकाश अग्निहोत्री, दमयन्ती सुथार, घनश्याम साध, उमाचरण सुरोलिया, प्रभुदयाल गहलोत, इंद्रा बालेचा, रमेश बालेचा, मो. मूसा, भवानी बाणिया, सौरभ बजाज, डॉ. नीलम जैन, सुनीता गुलाटी, राजभारती शर्मा, डॉ. चंद्र शेखर श्रीमाली, आर. जे. रोहित, नरपत सिंह बीठू, गोपीराम पूनिया, भागीरथ सिंह राजपुरोहित, सीताराम राजपुरोहित, गौरीशंकर जाजड़ा, रविराज सिरोही, गिरिराज सेवग, रामस्वरूप बिश्नोई, दीपिका बोथरा, ठाकुर उपाध्याय, अमजद भाई, केवलचंद भूरा, ओमदान चारण, शिवचरण जोशी, अरूण सुथार, कालूसिंह राजपुरोहित इत्यादि सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व गणगौर पूजन तथा द्वीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस अवसर पर लक्की ड्रा निकाले गए। लक्की ड्रा के अंतर्गत 3000/- से 5500/- कीमत तक के 5 डिस्काउंट वाऊचर प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम में डिसेंट किड्स, उत्कर्ष सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षणिक संस्थान, ए एस पी कोचिंग सहयोगी थे। शाला समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने विद्यापीठ के नवाचारों के संबंध में जानकारी देते हुए राजस्थानी – रास के उद्देश्य से परिचित कराया। चौधरी हनुमान कामरेड ने स्वागत संबोधन दिया। रमेश कुमार मोदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। गिरिराज आचार्य ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम के शुरू होने से पहले कक्षा – 10 वीं के स्टूडेंट्स के विदाई समारोह का आयोजन भी किया गया।

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