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बीकानेर,गुरुदेव श्री तुलसी के समाधि स्थल नैतिकता के शक्ति पीठ पर आज आचार्य तुलसी की मासिक पुण्य तिथि पर श्रद्धा भरा स्मरण किया गया . तेरापंथ भवन से पधारे मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी, विमल बिहारी जी, प्रबोध कुमार जी के सानिध्य में कार्यक्रम आयोजित हुआ ..

नमस्कार महामंत्र के मंगल संगान और सामूहिक जप के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । आज का विषय *आचार्य तुलसी की अद्वितीय कृति साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा* पर सभी ने प्रकाश डाला ..

मुनि श्री प्रबोध कुमार जी ने बतलाया कि शासन माता गुणों का भंडार थी, सरलता, सहनशीलता, साहित्य सृजन, प्रशासन कौशल, वात्सल्य आदि विशेष गुण थे,
उपासक सूर्यप्रकाश सामसुखा ने कहा कि गुरुदेव तुलसी ने अपने जीवन काल में अनेकानेक कार्य किए, कई विशिष्ट व्यक्तित्व तैयार किए जिनमें आचार्य महाप्रज्ञ, साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा, आचार्य महाश्रमण आदि प्रमुख है , शासन माता ने आधी सदी तक साध्वी प्रमुखा के रूप में अपने दायित्व को निभाया, संघ की श्री वृद्धि की, श्री निर्मल जी नवलखा ने भी इस अवसर पर उनके अनेक अनेक संस्मरण सुनाए,
मुनि श्री विमल बिहारी जी ने भी श्रद्धा भावों के साथ अपनी भावांजलि प्रस्तुत की ।
मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी ने फरमाया कि साध्वी प्रमुखा श्री ने संघ के तीन तीन आचार्य की सेवा करके खूब यश कमाया, संघ का खूब काम भी किया, साहित्य संपादन द्वारा जिन शासन की प्रभावना की, मुनि श्री ने गीतिका का संगान भी किया ..

आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री हंसराज डागा ने स्वागत भाषण दिया और आज तीज के उपलक्ष में समाधि स्थल पधारे श्रद्धालु जनों का आभार प्रकट किया .. कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष श्री किशन बेद ने किया । समाज के लोगों की भी उपस्थित रही

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