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बीकानेर,अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) बीकानेर शाखा के तत्वावधान में होटल वृंदावन रिजेंसी , बीकानेर में श्री गौर पूर्णिमा (भगवान चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव दिवस) और पुष्प होली का उत्सव धूमधाम से मनाया गया।
यह कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से प्रारंभ हो गया था | मंगलाचरण से प्रारंभ करके भगवान की प्रसन्नता के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गये। कई भक्तों ने कीर्तन मंडली में भाग लिया। कुछ भक्तों ने भजन गाये। कई छोटे बच्चों ने श्रीमद् भगवत् गीता से श्लोक कंठस्थ करके सुनाये। कई भक्तों ने होली के भजनों पर नृत्य पेश किया।

इस कार्यक्रम में सबसे सुंदर आकर्षण था नाटक और खेल –
IYF इस्कॉन यूथ फोरम बीकानेर से जुड़े इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर (ECB) एवं अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों और व्यवसायियों द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमे महाप्रभु के प्राकट्य लीला के रहस्य का वर्णन था तथा इस्कॉन गर्ल्स फोरम के माताजी भक्तों द्वारा विशेष नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमे चैतन्य महाप्रभु की बाल लीला का वर्णन था।
कार्यक्रम में कई प्रकार के खेलों के माध्यम से भगवत भक्ति में लोगों को जोड़ने का विशेष प्रयास किया गया और सभी बच्चों ,वृद्धों, स्त्री, पुरुषों सब ने उस में उत्साह से भाग लिया।
इस मौके पर सभी भक्तों द्वारा श्री श्री गौर निताई का पंचामृत से अभिषेक किया गया और भगवान को 56 भोग अर्पण किए गए।
इस्का‌ॅन बीकानेर यूथ फोरम (IYF Bikaner) के निदेशक श्रीमान संकर्षण प्रिय प्रभु (Mtech Gold medalist) द्वारा कथा में बताया गया कि चैतन्य महाप्रभु ही साक्षात राधा कृष्ण है- ”श्री कृष्ण चैतन्य राधा कृष्ण नहीं अन्य” और वह कलयुग के जीवों का कल्याण करने के लिये अवतरित हुए है। कलयुग में जो बुद्धिमान मनुष्य है वो महाप्रभु की आराधना करते है। इनकी आराधना करना बहुत सरल है केवल हरे कृष्ण महामंत्र “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे !
राम हरे राम राम राम हरे हरे‌ !! के संकीर्तन और जप से हम भगवान की असीम कृपा के पात्र बन सकते है और सभी समस्याओं, दुखों ,एंजायटी, डिप्रैशन आदि से अपने आप को मुक्त कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ बीकानेर शाखा के कार्य प्रभारी अवतार गौर दास जी ने बताया कि इस कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्य लोगों समेत लगभग 300 से अधिक श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया और मधुर हरे कृष्ण महामंत्र कीर्तन की ध्वनि पर नृत्य करके भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य दिवस को मनाया। उत्सव के बाद सब भक्तों के लिए महाप्रसादम की व्यवस्था की गई। परम पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण, भक्त-अवतार श्री चैतन्य महाप्रभु , इस्कॉन के संस्थापक आचार्य अभय चरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के आशीर्वाद से एवं समस्त भक्तों के सहयोग से संपूर्ण कार्यक्रम दिव्य आनंद से परिपूर्ण रहा।

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