बीकानेर,अगर आप 30 मार्च के बाद सोना या उसके गहने खरीदने जा रहे हैं तो यह खबर आपको जाननी बेहद जरूरी है. दरअसल केंद्र सरकार ने सोना और ज्वैलरी खरीदने और बेचने के नियमों में बदलाव कर दिया है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) वाले सोने के गहने और कलाकृतियों को नहीं बेचा जा सकेगा.
मंत्रालय ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच 4 डिजिट और 6 डिजिट हॉलमार्किंग को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है. नए नियम के तहत एक अप्रैल से सिर्फ छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे. इसके बिना सोना और सोने के आभूषण नहीं बिकेंगे. साथ ही चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह बंद हो जाएगी.
सोने की हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाण पत्र है. यह 16 जून, 2021 तक स्वैच्छिक रूप से लागू था. इसके बाद, सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का निर्णय लिया. पहले चरण में इसे देश के 256 जिलों में लागू किया गया. दूसरे चरण में 32 और जिलों को जोड़ा गया. अब देश 51 और जिलों को इसमें जोड़ा जा रहा है.
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की गतिविधियों की समीक्षा बैठक की. इसमें उन्होंने बीआईएस को देश में परीक्षण के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का निर्देश दिया. इसके अलावा बीआईएस को उत्पाद परीक्षण और बाजार निगरानी की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कहा गया.
उन्होंने उत्पाद सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीआईएस को प्रेशर कुकर, हेलमेट और अन्य उपभोक्ता उत्पादों जैसे विभिन्न उत्पादों के लिए बाजार निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. गोयल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भारत में सभी उत्पाद उच्चतम गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं.
बैठक में तय हुआ कि बीआईएस प्रमाणीकरण पर 80 प्रतिशत रियायत प्रदान करेगा या विभिन्न उत्पाद प्रमाणन योजनाओं के लिए न्यूनतम अंकन शुल्क लेगा. माइक्रो स्केल इकाइयों में क्वालिटी कल्चर (Quality Culture) को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
क्या होता है HUID नंबर
हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर ज्वैलरी की पहचान के लिए होता है. HUID नंबर छह अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड है. इसकी मदद से उपभोक्ता को ज्वैलरी से जुड़ी जानकारी मिल जाती है. इसके अलावा ज्वैलर्स को इसकी जानकारी बीआईएस के पोर्टल पर भी अपलोड करनी होती है.