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बीकानेर,राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े प्रकरण को लेकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने वाड्रा पर जमीन घोटाले का आरोप लगाया तो शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी.कल्ला ने आपत्ति जताते हुए कहा,आप जिस पर आरोप लगा रहे हैं उन्होंने एक प्रतिशत भी गड़बड़ी नहीं की है।

अधिकारिता विभाग और राजस्व विभाग की बहस

भाजपा के नेताओं ने भूमिहीन बनकर जमीनें ली और घोटाला किया। इस बात को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई। विधानसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और राजस्व विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान भाजपा विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में वाड्रा ने जमीन का घोटाला किया।

उन्होंने कहा कि जो किसान माइग्रेंट (प्रवासी) हुए उनकी जमीन को लोगो ने सस्ते दामों पर खरीद कर करोड़ों करोड़ों कमाए हैं। दिल्ली से वाड्रा ने वहां आकर जमीनें ली उसका नाम प्रवर्तन निदेशालय की जांच में आया है। कल्ला ने कहा,जो व्यक्ति सदन का सदस्य नहीं है उसका नाम लेना गलत है। इस पर गोदारा ने कहा कि अंबानी और अडाणी भी सदन के सदस्य नहीं है। लेकिन उन पर खूब आरोप लगाते हो।

मंत्री बोले-चेक से भुगतान किया

कल्ला ने कहा, जो जमीन ली गई है उनमें अधिकांश लोग भाजपा के हैं। भाजपा के लोगों ने पांच से दस हजार बीघा की जमीनों को लाखों में बेचा। वाड्रा ने चेक से भुगतान किया, रजिस्ट्री हुई है उसका पूरा पैसा दिया है। गोदारा ने कहा,कोलायत के विधायक और मंत्री ने भी जमीन वहां पर ली है। उर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी कोलायत के विधायक हैं।

हंगामे के बीच प्रतिपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कल्ला पर पलटवार करते हुए कहा,मंत्री ने जिस शख्स का नाम लेकर कहा,वह सारा मामला न्यायालय में चल रहा है। उन्होंने भाजपा के लोगों पर ही आरोप लगा दिए। मेरी मांग है सरकार एक आयोग बना दे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। वाड्रा ने बीकानेर जिले में जमीन नहीं खरीदी है यह साबित कर दो, गलत हुआ तो या तो मैं इस्तीफा दे दूंगा अन्यथा आप दे देना।

जातिगत जनगणना की मांग

कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी ने जातिगत जनगणना की मांग की । चौधरी ने कहा कि अब केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना करवाए जाने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में बिहार की तरह राजस्थान सरकार को भी जातिगत जनगणना करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण कोई अहसान नहीं है।

यह हमारा सैंवधानिक अधिकार है। चौधरी ने कहा,खेती के बाद हमारे पास इकलौता माध्यम जीवन यापन करने का जो रहा वह 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण है। शिक्षा के आधार पर आरक्षण कोई भीख नहीं है। संविधान ने हमें हक दिया है,लेकिन इसे ईमानदारी से लागू नहीं किया ।

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