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जयपुर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को जयपुर पहुंचे। वे यहां 10 दिन गलता रोड पर विपश्यना साधना केंद्र में रहेंगे। वह यहां स्वास्थ्य लाभ लेने आए हैं। रविवार दोपहर इंडिगो की फ्लाइट से आए केजरीवाल एयरपोर्ट से सीधे विपश्यना केंद्र पहुंचे। जयपुर में केजरीवाल आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग नहीं करेंगे। साथ ही, किसी राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। वे यहां विपश्यना साधना के अलग-अलग सेशन अटेंड करेंगे।

 

इस केंद्र में रहने वालों के लिए मोबाइल, टीवी, अखबार, लैपटॉप जैसी सुविधाओं के इस्तेमाल पर रोक है। पहले केजरीवाल के 3 दिन विपश्यना केंद्र में रहने की सूचना आई थी, फिर बाद में बताया गया कि वे 10 दिन तक यहीं ठहरेंगे। पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों को केजरीवाल के जयपुर आने की ऑफिशियल सूचना तक नहीं दी गई। विपश्यना साधना केंद्र राजस्थान के पुराने साधना केन्द्रों में शामिल है। यहां देशभर से लोग आते हैं। वे पहले भी कई बार विपश्यना ध्यान शिविर में शामिल हो चुके हैं।

 

क्या करेंगे 10 दिन तक केजरीवाल?

विपश्यना बहुत प्राचीन ध्यान पद्धति है। साधक नीलमचंद मुणोत ने बताया कि 10 से 11 दिन की साधना के दौरान मौन व्रत का पालन करना होता है। एक कमरे में एक व्यक्ति को रहना होता है, यानी अकेला जीवन, खुद के लिए जीवन जीना होता है। एक समय का ही भोजन करना होता है। परंपरागत जीवन से खुद को अलग करने के प्रयास में लीन होना होता है। केजरीवाल को इस तरह की तपस्या से गुजरना होगा। विपश्यना के नियमों के अनुकूल उन्हें तड़के 4 बजे से सुबह 6 बजे तक साधना कक्ष में जाना होगा। वहां साधना के बाद एक से डेढ़ घंटे के दौरान अल्प आहार, स्नान आदि कार्य संपन्न करने होंगे। फिर साधना कक्ष में नियमित ध्यान पर खुद को केंद्रित करना होगा। दोपहर भोजन के लिए भी एक से डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा। कुछ देर आराम के लिए भी समय मिलेगा। रात्रि में एक वीडियो सुनाया जाएगा, जिसमें विपश्यना मिलने वाली जीवन जीने की कला को सरल भाषा में समझाया जाएगा। रात्रि 9 बजे विश्राम का समय निर्धारित रहेगा। इन 10 से 11 दिन के दौरान केजरीवाल को प्रत्येक कार्य खुद करने होंगे। उन्हें कोई सहयोगी नहीं मिलेगा। अल्प आहार और भोजन भी एकदम सामान्य होगा।

 

राजस्थान को लेकर कर चुके हैं बातचीत

केजरीवाल के जयपुर आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि पंजाब और गोवा के बाद आम आदमी पार्टी की नजर दिल्ली के पड़ोसी राज्य राजस्थान पर है। राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए आम आदमी पार्टी यहां अपनी सियासी पैठ बनाने में जुटी है।

 

पिछले दिनों इसी कारण अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजस्थान के निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला से मुलाकात भी की थी। दिल्ली में केजरीवाल के घर हुई इस बातचीत में राजस्थान में पार्टी से उन्हें जोड़ने और पार्टी का आधार मजबूत करने पर चर्चा हुई थी।

 

फ्री बिजली, पानी, एजुकेशन का वादा मुमकिन

पंजाब, गोवा और उत्तराखंड राज्यों की तर्ज पर राजस्थान में भी आम आदमी पार्टी लोगों को हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा कर सकती है। बिजली के पुराने बिल माफ करने का भी वादा किया जा सकता है। किसानों पर भी पार्टी का फोकस है।

 

राजस्थान की शहरी विधानसभा सीटों और आदिवासी क्षेत्रों पर खास जोर देने की पार्टी की योजना है। साथ ही, दिल्ली सीमा से लगते हुए राजस्थान के अलवर, भरतपुर, हरियाणा सीमा के पास झुंझुनूं, पंजाब सीमा के पास लगते श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ ज़िलों पर भी खासा फोकस रह सकता है। फ्री बिजली, साफ-सफाई, सड़कें, जनता क्लिनिक, बच्चों को फ्री एजुकेशन, पीडीएस सिस्टम में क्वालिटी का राशन देने जैसी योजनाओं पर भी पार्टी चुनावी लिहाज से काम कर रही है।

 

 

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