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बीकानेर,राजस्थान सरकार की पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का जन्मदिन 8 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन प्रदेशभर के कार्यकर्ता इस बार 4 मार्च को ही सालासर धाम देव दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

कार्यक्रम वसुंधरा राजे के जन्मदिन को लेकर आयोजित किया जा रहा है.

दरअल, इस बार 8 मार्च को होली के पर्व की धूम रहने वाली है, इसलिए वसुंधरा राजे 4 मार्च को सालासर धाम में बाबा के दरबार में हाजिरी लगाएंगी. ये पूरा कार्यक्रम शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है और चुनाव से पूर्व कर आगाज माना जा रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जुटने वाले हैं.

कोटा से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जाएंगे सालासर बालाजी
वसुंधरा राजे सिंधिया के जन्मदिन से पूर्व देव दर्शन यात्रा में कोटा उत्तर विधानसभा से भी हजारों की संख्या में कार्यकर्ता सालासर बालाजी जाएंगे. कोटा उत्तर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कार्यकर्ताओं की एक बड़ी बैठक लेकर कहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और लोकप्रिय नेता हैं उनके जन्मदिन पर सालासर बालाजी में होने वाले भव्य कार्यक्रम में कोटा से भी हजारों की संख्या में कार्यकर्ता सालासर बालाजी पहुंचेंगे.

गुंजल ने कहा कि वसुंधरा का राजस्थान के साथ-साथ हाड़ौती से भी ज्यादा लगाव रहा है. कार्यकर्ताओं में भी वसुंधरा राजे के जन्मदिन को लेकर उत्साह है. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया के जन्मदिन इस बार सालासर में मनाने का निर्णय हुआ है पूरे राजस्थान से कार्यकर्ता 4 मार्च को सालासर पहुचेंगे.

भवानी सिंह राजावत भी तैयारियों में जुटे
राजस्थान सरकार के पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने कहा है कि पिछले 35 सालों से सांसद, केंद्रीय मंत्री और 2 बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे के हाड़ौती में आगमन के बाद हाड़ौती की तकदीर और तस्वीर बदल गई है, वे सालासर धाम के आशीर्वाद से मिली ऊर्जा को कार्यकर्ताओं में फूंकेंगी जिससे कार्यकर्ता कांग्रेस की जड़ें उखाड़ देंगे. उन्होंने कहा कि केवल लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही 100 से अधिक चौपहिया वाहनों से कार्यकर्ता सालासर पहुंचकर वसुंधरा को बधाई और शुभकामनायं देंगे.

राजस्थान में वसुंधरा राजे खेमा सक्रिय
बता दें कि वसुंधरा राजे ने इससे पूर्व अपना जन्मदिन कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र के केशवराय जी के मंदिर में देव दर्शन कर मनाया था, जिसमें राजस्थान के करीब 50 विधायक शामिल होने की बातें सामने आई थी, इस बार भी ये कार्यक्रम राजनैतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ हैं. बीजेपी में चल रही खींचतान का पटाक्षेप आखिर कहां होगा ये नहीं कहा जा सकता, लेकिन वसुंधरा खेमा अब धीरे-धीरे सक्रिय होता चला जा रहा है. आगामी चुनाव में बीजेपी की रणनीति भले ही कुछ रहे, लेकिन वसुंधरा राजे ने अभी से ताल ठोक दी है ताकी शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बना रहे.

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