बीकानेर,रेडवेज को घाटे से उबारने के लिए प्रधान कार्यालय लगातार चेकिंग पर फोकस कर रहा है। बीकानेर डिपो में चेकिंग के लिए स्टाफ नहीं है। ऐसे में बसों में बिना टिकट यात्रियों को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
डिपो में एक ट्रैफिक मैनेजर, तीन टीआई और 8 एटीआई सहित 12 स्वीकृत पद हैं। यहां केवल एक टीटीआई तैनात है।
ऐसे में चेकिंग सिस्टम का चरमराना तय है। इसके चलते मुख्यालय फ्लाइंग डिपो की बसों की चेकिंग कर रहा है। जनवरी में बीकानेर-अजमेर बस में 49 और खाजूवाला रूट पर 18 यात्री बिना टिकट पकड़े गए। हैरान करने वाली बात यह है कि अजमेर रूट की 52 सीटर बस में 70 यात्री सवार थे, जिनमें से 49 के पास टिकट नहीं था. हालांकि प्रधान कार्यालय की रिपोर्ट के बाद बीकानेर डिपो ने दोनों बसों के कंडक्टरों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. वहीं बीकानेर डिपो के मुख्य प्रबंधक अंकित शर्मा का कहना है कि कर्मचारियों की कमी के बारे में मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है. फिलहाल सिर्फ एक टीआई से चेकिंग का काम किया जा रहा है।
वर्ष 2013 में सात कर्मचारियों का स्टाफ था
जांच में पता चला है कि वर्ष 2013 में बीकानेर डिपो में ट्रैफिक मैनेजर समेत सात कर्मचारियों का स्टाफ था. उसके बाद कभी एक, कभी दो तो कभी तीन टीआई ही मौजूद रहे हैं। वर्तमान में एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। डिपो में सिर्फ एक टीआई है। गौरतलब है कि बीकानेर डिपो में अभी 97 बसें हैं। इन बसों में नियमित रूप से 19 हजार से अधिक यात्री यात्रा करते हैं, जिससे डिपो को प्रतिदिन लगभग 17 लाख रुपये की आय होती है। चेकिंग बढ़ने से डिपो की आय बढ़ने की उम्मीद है।