बीकानेर, राज्य के माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में अध्यापक संवर्ग के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रारम्भिक शिक्षा के शिक्षकों का समायोजन नियम संख्या 6 (3) के जरिए सेटअप परिवर्तन करने कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है जिससे प्रारम्भिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक आक्रोशित हो रहे है।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री महेंद्र लखारा ने बताया कि राज्य में विगत 3 वर्षों से सेटअप परिवर्तन नहीं किया गया जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र पर अमल करते हुए 6 डी सेटअप परिवर्तन प्रक्रिया पूर्णतया बन्द कर दी है किन्तु अब विभाग 6 डी के स्थान पर 6 (3) के नाम से वही सेटअप परिवर्तन की कार्यवाही करने जा रहा है जिससे शिक्षक उद्वेलित है।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि संगठन विगत 3 वर्षों से शिक्षक एवं विभाग हित में अध्यापक संवर्ग में अध्यापकों की सीधी भर्ती माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रारम्भ करने हेतु नियमो में संशोधन करने की माँग कर रहा है किन्तु ऐसा नहीं कर अब पूर्ववत नियम 6 डी से सेटअप परिवर्तन करना अपने ही चुनावी घोषणा पत्र के विपरीत है।
संगठन के प्रदेश सभाध्यक्ष अरविंद व्यास ने कहा कि यदि अत्यन्त अपरिहार्य हो तो इस सत्र में सेटअप परिवर्तन के स्थान पर प्रारम्भिक शिक्षा से विकल्प के आधार पर शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा में भेजा जाना चाहिए जिससे विभाग की व्यवस्था भी बनी रह सके और इच्छुक शिक्षक माध्यमिक शिक्षा में जा सकेतथा उनकी योग्यता व क्षमता का छात्र हित मे सही सदुपयोग हो सके।
संगठन के अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि 6 डी की प्रक्रिया से प्रारम्भिक शिक्षा में पद रिक्त हो जायेंगे एवं प्रारम्भिक शिक्षा की व्यवस्था प्रभावित होगी। एक व्यवस्था को सुधारने के नाम पर दूसरी को बिगाडना किसी भी प्रकार से उचित नहीं हो सकता है। सरकार एक तरफ घोषणाओ की क्रियान्विती करने पर अधिकारियो को निदेर्शित कर रही है वही दूसरी और अधिकारी सरकार की घोषणाओं के विपरीत आदेश जारी कर शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं जिस पर रोक लगाकर अपने वादे को पूर्ण करे।
संगठन ने राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री ,शिक्षामंत्री को पत्र भेजकर शासन एवं शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रारम्भ की जा रही नियम 6 ( 3 ) की प्रक्रिया को तत्काल रुकवाकर माध्यमिक शिक्षा में सीधी भर्ती करने के नियमो में संशोधन कार्यवाही प्रारम्भ करवाकर शिक्षकों को राहत प्रदान करने की मांग की है।