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बीकानेर,ईसीबी कार्मिकों को पुन:नियुक्ति दिलाने के लिए भाजपा महावीर रांका द्वारा हर रोज कुछ नया उपाय करके सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। मंगलवार को खून से लिखे 81 पत्र सीएम को भेजे गए थे और बुधवार को 721 पोस्टकार्ड भेजे गए। पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि हर वो उपाय किया जाएगा जिससे सरकार की आंखें खुले और निष्कासित किए गए 18 कार्मिकों को पुन: नियुक्ति मिले। भाजपा के पवन महनोत ने बताया कि ऑल राजस्थान जिप्सम प्लास्टर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपीकिशन गहलोत के नेतृत्व में धरने को समर्थन दिया गया। इस दौरान जेठानन्द व्यास, सुभाष गोयल, हुसैन हिन्दुस्तानी, आनन्द जोशी, दीपक व्यास, रतनलाल जैपाल, पूर्व पार्षद आदर्श शर्मा, बृजमोहन भाटी, प्रेम गहलोत, नरपतसिंह भाटी, मनोज सोलंकी, पार्षद जितेन्द्र सिंह भाटी, राजेन्द्र व्यास, लोकेश कच्छावा, लोकेश चतुर्वेदी, रूपसिंह राजपुरोहित, रमेश सैनी, नवरतन सिंह सिसोदिया, लोकेश छाबड़ा, लक्की पंवार, देवराज भाटी, मधुसूदन शर्मा, आनन्द सोनी आदि उपस्थित रहे। भाजपा के ओम राजपुरोहित ने बताया कि गुरुवार शाम सात बजे सादुलसिंह सर्किल से कलक्ट्रेट तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। इस मशाल जुलूस में अधिकाधिक संख्या में पहुंच कर सरकार को चेताने का प्रयास करें और 18 कार्मिकों की पुन:नियुक्ति के इस संघर्ष में अपना योगदान दें।

अब तक 26 जने भूखे रहकर अनशन को रखा बरकरार
पूर्व पार्षद राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि ईसीबी के 18 कार्मिकों को पुन:नियुक्ति की मांग को लेकर गत 6 फरवरी को भाजपा नेता महावीर रांका की अगुवाई मेंं आमरण अनशन शुरू किया गया था। पहले दिन नौ व्यक्ति अनशन पर बैठे थे जिनमें डॉ. भगवानसिंह मेड़तिया (7 दिन), पवन महनोत (६ दिन), कुलदीप यादव (६ दिन), मनोज गहलोत (६ दिन), राजेन्द्र व्यास (५ दिन), टेकचंद यादव (५ दिन), मोहित बोथरा (५ दिन), नीलम जांगिड़ (५ दिन) व सरला राजपुरोहित (६ दिन) शामिल रहे। इसी क्रम में आनन्द सोनी (५ दिन), जसराज सिंवर (४ दिन), धन्नाराम जाट (३ दिन), महेन्द्र बिश्नोई (३ दिन), जितेन्द्र सिंह भाटी (६ दिन), बिरजू उपाध्याय (४ दिन), रतनलाल जैपाल (7 दिन), हरिसिंह पंवार (५ दिन), मदनमोहन सारड़ा (६ दिन), निर्मल गहलोत (४ दिन), सीताराम सुथार (६ दिन), बाबू सुथार (३ दिन), रमेश भाटी (18 फरवरी से), लक्ष्मण मेघवाल (२० फरवरी से), ओमप्रकाश कड़वासरा (20 फरवरी से), शंभु गहलोत (22 फरवरी से), जेठूसिंह परिहार (22 फरवरी से) ने अनशन पर भूखे रहकर सरकार से कार्मिकों को ज्वाइनिंंग की गुहार लगाई।

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