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बीकानेर,कोटा, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय,कोटा के कुलपति प्रो. एस.के. सिंह के निर्देशानुसार, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा गोद लिए गाँव रायथल में विश्वविद्यालय की यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल एवंविश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की टीम के द्वारा विभिन्न अयोजन किए गए। कुलपति ने अपने संदेश में कहा की सभी की सहभागिता से हमारे गांव उत्कृष्ट बनने चाहिए। ग्रामीण उत्कृष्टता में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है।हमें आगे आकर इनकी उन्नती और संवर्धन के प्रयास करने होंगे।ग्राम्य – संस्कृति की अपनी अमूल्य अवधारणा है। हम सब को आपसी सहभागिता से गाँवों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करना होगा।हमे गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना होगा। आरटीयू अपने अभिनव प्रयासों के माध्यम से गांव में विकास की गाथा लिख रहा है।

कैंप के दूसरे दिन नशा मुक्ति शिविर का अयोजन करवाया गया। कैंप का उद्देश्य जो ग्रामवासी नशे की आदत से पीड़ित है उनको नशे के दुष्प्रभाव के बारे में अवगत करवाना था। नशा मुक्ति शिविर का अयोजन अंतराष्ट्रीय संस्था रेड क्रॉस के संयोजन से करवाया गया । शिविर में ग्रामवासियों को बताए गया कि नशे की लत कैसे कई परिवारों के लिए जीवन भर के दुख का कारण बनी। शिविर में रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रतिनिधि श्री रूपचंद शर्मा ने बताया कि किसी भी प्रकार के नशे जैसे गुटका,बीड़ी,पान मसाला,शराब, अफीम,गांजा आदि के नशे की लत किसी व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रूप से कमजोर बनाती है। इसके साथ ग्रामवासियों को प्राथमिक चिकित्सा के बारे में विस्तार से समझाया गया। उन्हें बताया गया की किसी भी दुर्घटना (सड़क दुर्घटना, पानी में डूबना, बिजली का झटका, मिर्गी के दौरों) जैसी स्थिति में प्रभावित व्यक्ति का कैसे प्राथमिक उपचार किया जाना चाहिए। नोडल अधिकारी डॉ एस एल मीना ने ग्रामवासियों को बताया कि नशा समाज में अनेक समस्याओं की जड़ हैं। इसके साथ गाँव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विभिन्न सामाजिक विषयों पर छात्रों ने पोस्टर बनाए गए। विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने पोस्टर प्रतियोगिता में बड़ चढ़ कर भाग लिया। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा की यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल की टीम ने सफाई अभियान के अंतर्गत ग्राम को कचरा पात्र व सफ़ाई सामग्री जैसे झाड़ू इत्यादि वितरित किए गए। इन कचरा पात्रों को ग्राम के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर रखा जाएगा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. एसएल मीना एवम डॉ. एमएल मीना ने ग्रामवासियों को कचरा पात्रों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने व गाँव में स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया। ग्राम में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों द्वारा वॉल पेंटिंग की गई। छात्रों ने विभिन्न सामाजिक विषयों जैसे नशा मुक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान पर विषयों पर वॉल पेंटिंग बनाई गई। कार्यक्रम का अयोजन का मुख्य उद्देश्य नशे की लत से पीड़ित ग्रामवासियों को इस आदत से दूर कर, उन्हें प्रेरित करना था। राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों द्वारा सामाजिक समाजिक समस्याओं से अवगत कराने के लिए और उनके समाधान के लिए उनको प्रेरित करने के लिए गाँव के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया। छात्रों द्वारा किए गए नुक्कड़ नाटकों को ग्रामजनों ने सराहा और उनका आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री मनोज वैष्णव ने बताया कि छात्रों ने कई दिन की मेहनत के बाद नुक्कड़ नाटक तैयार किए थे। आज़ादी के अमृत मोहत्सव के अंतर्गत करवाए जा रहे विभिन्न नुक्कड़ नाटकों का उद्देश्य ग्रामवासियो को विभिन्न सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करना था ।विभिन्न कार्यक्रमों के समंवय में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अंतिम वर्ष के छात्र शिवम चौबीसा, मिंटू गोयल, आयुष गर्ग, हिमांशु गुप्ता का समन्वय सराहनीय रहा।

जन जागरूकता अभियान के माध्यम से आरटीयू लिख रहा है गाँवों में विकास की गाथा

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा ग्रामीण क्षैत्रों मे शिक्षा के प्रति जागरूकता, वाटर हार्वेसेटींग जागरूकता कार्यशाला बालिका जन्मोत्सव, ग्रामीण क्षैत्रों में बालिका शिक्षा नामांकन के प्रयास, जल संरक्षण हेतु परम्परागत जल स्त्रोतो के पुर्नजिवित करने हेतु जन जागरूकता, प्राचीन धरोहरों का संरक्षण, स्वत्रंतता सेनानीयो का सम्मान, वृक्षारोपण व प्रकृति संरक्षण, स्वास्थय जागरूकता व ग्रामीण क्षैत्रों मे कुपोषण पर राकेथाम कार्यक्रम, पोलीयो टीकाकरण-गर्भवती महिलाओें के सुरक्षित प्रसव हेतु स्वास्थय जागरूकता, ग्रामीण बच्चो में सफाई की प्रवृति विकसीत करना, निरक्षर ग्रामीण महिलाओं हेतु सांयकालीन पाठशाला, मूक पशुओ में फैलने वाली संक्रामक बिमारीयों की रोकथाम, खेती के आधुनिकतम व उन्नत तरीक का प्रयोग, गोबर बैंक, दुग्ध बैंक, आयुर्वेद पर चिकित्सा के पराम्परगत वैक्लीपक व परम्परागत स्त्रोतो को बढ़ावा, महिला स्वयं सहायता समूह के गठन हेतु प्रेरणा का कार्य, ग्रामीण लोगो के लिए लाभदायक सरकारी योजनाओं की जानकारीयां, कम्पयूटर साक्षरता, स्कील डवलपमेंट प्रोग्राम, ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु परम्परागत लघु व गृह उद्योग को विकसीत करने का प्रयास, ग्रामीण विद्यार्थियों हेतु कैरियर काउंसलिंग, जैसे सामाजिक कार्यक्रमों के मानव प्रयासों के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा रहा है।

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