बीकानेर,अधिक उम्र के कारण अपात्र घोषित किए गए पंचायत सहायकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने इन पंचायत सहायिकाओं को सौगात दी है। शासन ने आयु सीमा में छूट देकर इन्हें विद्यालय सहायक के योग्य माना है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप सचिव संजय माथुर द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इस आदेश के बाद जयपुर जिले में लगभग 189 पंचायत सहायकों और राज्य में 30 पारा शिक्षकों और लगभग 7000 पंचायत सहायकों को स्कूल सहायक के रूप में नियुक्ति मिलेगी। गौरतलब है कि लंबे समय से पंचायतों में संविदा पर नियुक्त पंचायत सहायक सरकार से मानदेय बढ़ाने और स्थायी करने की मांग कर रहे थे।
जिसको लेकर सरकार ने पिछले साल नवंबर में उन्हें राजस्थान संविदा भर्ती से सिविल पोस्ट नियमावली के दायरे में लिया और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पंचायत सहायकों को स्कूल सहायक बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद दिसंबर में शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 10 हजार 400 रुपये के निर्धारित मानदेय के आधार पर ग्राम पंचायत सहायकों को स्कूल सहायक के रूप में चयन करने का काम शुरू किया। इस दौरान 710 ग्राम पंचायत सहायकों को स्कूल बनाया गया। जयपुर जिले में सहायक लेकिन कुछ को नियुक्ति नहीं दी गई क्योंकि उनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक थी। राज्य में सात हजार ग्राम पंचायत सहायक ऐसे थे जो उम्र के कारण अपात्र घोषित कर दिये गये थे।
अपात्र घोषित किए जाने के बाद प्रदेशभर में अपात्र घोषित पंचायत सहायिकाओं ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया. इन पंचायत सहायिकाओं ने बीकानेर में निदेशालय शिक्षा विभाग के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। अंतत: सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए अब उन्हें पंचायत सहायक बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। ग्राम पंचायत सहायक से विद्यालय सहायक के पद पर नियुक्ति पाने वाले इन विद्यालय सहायकों को पांच वर्ष के लिए संविदा पर विद्यालयों में लगाया जाएगा। उन्हें 10400 रुपये प्रति माह मिलेंगे।