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बीकानेर,आधुनिक राजस्थानी कहानी के जनक मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ की 39वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को महारानी सुदर्शना कला दीर्घा में ‘बंतळ-2023’ का आयोजन किया गया।
मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ स्मृति संस्थान द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा मुरलीधर व्यास का संकल्प केवल राजस्थानी लिखने या बोलने का नही, राजस्थानी को खोया मान दिलाना था। आज राजस्थानी के सभी लेखक आधुनिक राजस्थानी की जिस भूमि पर खड़े हैं, यह मुरलीधर व्यास राजस्थानी जैसे साधकों की देन है।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रवि पुरोहित ने कहा युवाओं की जिम्मेदारी है कि मुरलीधर व्यास की परंपरा को आगे बढ़ाएं और इसे सहेजें। भाषा की विरासत को संजोना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुरलीधर व्यास के काव्य पक्ष पर बोलते हुए आगे कहा उनमें चुटीले अंदाज़ व मारक क्षमता के साथ भाषा में आम जीवन की सादगी और सरलता है। इसी कारण यह कालजयी रहेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सूरतगढ़ के साहित्यकार डॉ.हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’ ने कहा कि प्रेमचन्द जो पीड़ा, शोषण, संवेदना हिंदी में ले कर आते हैं, वही हमे मुरलीधर व्यास के बरसगांठ कहानी संग्रह में देखने को मिलती है। उनके लिखे छोटे छोटे रेखाचित्र व्यक्ति को सामने लाकर खड़ा कर देते है। उनके व्यंग्य मानवीय मूल्यों की यथार्थता की मौजूदगी और जीवन मूल्यों को बढ़ावा देते हुए समाज की विसंगतियों पर करारी चोट करते हैं।
स्वागत उदबोधन देते हुवे कहानीकार कमल रंगा ने कहा कि यह कार्यक्रम पुरोधाओं की कीर्ति, त्याग, तपस्या, साहित्य और भाषा के प्रति समर्पण को जन तक पंहुचाने का उपक्रम है।
व्यास के समग्र साहित्य पर पत्रवाचन करते हुए साहित्यकार डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम’ ने कहा ‘मुरलीधर व्यास आधुनिक राजस्थानी साहित्य के महत्वपूर्ण व मज़बूत स्तम्भ हैं, जिस पर आज के राजस्थानी साहित्य का महल खड़ा है। उन्होंने ‘वो मुरलीधर जग रच्यो,रच्या मिनख अर नार।ओ मुरलीधर रच दियो सबदां रो संसार।।’ के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मोनिक गौड़ ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। आभार योगेश राजस्थानी ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी, कथाकार राजेन्द्र जोशी, गीतकार राजूराम बिजारणियां, मोहम्मद फारूक चौहान, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, मनीषा आर्य सोनी, पूर्णिमा मित्रा, विप्लव व्यास, गोपाल पुरोहित, आनंद मस्ताना, शशांक शेखर जोशी, गिरिराज पारीक, समीर गोयल, शुभम व्यास, भुवनेश आचार्य आदि उपस्थित रहे।

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