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बीकानेर , जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के प्रयासों से वर्ष 2019 से बंद पड़ा सिरेमिक इलेक्ट्रिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर पुनः संचालित किया जाएगा। इस सेंटर के संचालन के लिए बुधवार को सिरेमिक इलेक्ट्रिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर और बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू किया गया। जिला कलक्टर की उपस्थिति में हुए इस एमओयू पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि सिरेमिक हैड संजीत कुमार तथा सिरेमिक इलेक्ट्रिक विकास समिति की सचिव मंजू नैण गोदारा ने हस्ताक्षर किए।
जिला कलक्टर ने बताया कि इस सेंटर के पुनः प्रारंभ होने से विभिन्न प्रकार के टेस्ट होने की सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा सिरेमिक से संबंधित इंजीनियरिंग के कोर्स भी करवाए जा सकेंगे, इससे उद्योगों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी लाभ मिल सकेगा।
समिति की सचिव मंजू नैण गोदारा ने बताया कि सिरेमिक एवं इलेक्ट्रिक विकास समिति की स्थापना में 710.78 लाख रुपए की लागत आई थी। इस सेंटर द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग नई दिल्ली तथा इलेक्ट्रिक लैब के लिए एनएबीएल भी प्राप्त कर लिया गया है। वर्तमान में समिति में सिरेमिक के मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, केमिकल , मिनरल एवं फिजिकल विश्लेषण से संबंधित विभिन्न प्रकार की जांच सहित सिरेमिक के सभी 16 टेस्ट किए जाते हैं।

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