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बीकानेर,नोखा,आज राजस्थान विधानसभा में नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के 18 अशैक्षणिक कार्मिको को  पुनः नियुक्ति देने की मांग को लेकर आज सदन में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सरकार को अवगत करवाया ।

विधायक बिश्नोई ने कहा कि  बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के  18 अशैक्षणिक कार्मिको को बिना किसी जांच के चार वर्ष बाद अचानक सेवा से मुक्त कर दिया जाता है । इनके समर्थन में बीकानेर कलेक्ट्रेट कार्यालय पर 6 फरवरी से महावीरा क के नेतृत्व में लगातार अनशन व धरना चल रहा है । अनशनकारियों की तबियत लगातार बिगड़ती जा रही हों । आज जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी किया गया है ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि 8 जनवरी 2018 को ईसीबी में स्वीकृत अशैक्षणिक पदों पर नियुक्ति हेतु प्रक्रिया प्रारंभ करने की पत्रावली ईसीबी अध्यक्ष व तकनीकी शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गई । 12 -3-2018 को राज्य सरकार ने 18 अशैक्षणिक पदों पर विज्ञप्ति जारी करने हेतु निर्देश दिए गए । 25-3-2018 को राज्य स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किये गए और चार सदस्यों की चयन कमेटी बनाई गई जिसमें कॉलेज के नॉमिनी, यूनिवर्सिटी के नॉमिनी व सरकार के नॉमिनी शामिल थे । लिखित परीक्षा, स्टेनो टेस्ट, साक्षात्कार हुए और विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए उनको नियुक्ति दी गई ।

विधायक बिश्नोई ने कहा कि सरकार बदलने के बाद राजनैतिक दुर्भावना से उक्त कार्मिको को सेवा के दो साल पूर्ण होने के बाद भी ना तो नियमित किया गया और ना ही अन्य वेतन व परिलाभ दिया गया । अचानक 7वे वेतन की जगह छठे वेतन से वेतन दिया गया । हद तो तब हुई जब चार वर्ष की सेवा पूर्ण होने के बाद अचानक उनकी सेवा समाप्त कर दी जाती है ।

विधायक बिश्नोई ने कहा कि सरकार द्वारा उक्त कर्मचारियों की नही सुनने के बाद कार्मिकों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में रिट याचिका संस्थित की गई जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कार्मिको के निष्कासन पर दिनांक 07 मई 2022 को स्थगन आदेश जारी किया । महाविद्यालय द्वारा स्थगन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय की खण्ड पीठ में अपील संस्थित की गई। माननीय उच्च न्यायालय की खण्ड पीठ ने दिनांक 24 जनवरी 2023 को निर्णय प्रदान किया । निर्णय में महाविद्यालय की अपील को खारिज करते हुऐ एकल पीठ के स्थगन आदेश को यथावत रखा गया परन्तु आज दिनांक तक माननीय न्यायालय के आदेश की पालना में कार्मिकों को नियुक्ति प्रदान नहीं की गयी है । कानून का राज नही है और कार्मिक 10 माह बाद भी दर दर की ठोकर खा रहे है । ईसीबी में 116 पद अभी भी रिक्त है । सरकार व ईसीबी प्रशासन हठधर्मिता छोड़े और उक्त कार्मिको को नियुक्ति प्रदान करे और कार्मिको के साथ न्याय करे।

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