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बीकानेर,सरकारी विभागों की लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण कृषि विद्यालय व्याख्याता भर्ती में दिखाई दे रहा है।राजस्थान लोक सेवा आयोग एक ओर सभी विषयों में एमएससी करने वाले बेरोजगारों को नियुक्ति आदेश थमा रहा है, वहीं दूसरी ओर केवल तीन विषयों में एमएससी करने वालों को एक ही नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित कर रहा है. एक ही नियुक्ति के दो तरह के नियमों से सैकड़ों बेरोजगार परेशान हो रहे हैं.

शिक्षा विभाग की मांग के आधार पर राजस्थान लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2018 में विज्ञापन जारी कर करीब 280 कृषि विद्यालय व्याख्याताओं के आवेदन मांगे थे। इसकी योग्यता कृषि के किसी भी विषय में M.Sc होना था। बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया। इसी आधार पर नियुक्ति की गई है। अभी तक कई पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस बीच साल 2021 में जब नियुक्ति का विज्ञापन निकला तो शिक्षा विभाग ने केवल तीन विषयों में एमएससी करने वाले युवाओं को ही मौका दिया। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने वर्ष 1970 में बने नियमों का हवाला देकर नियुक्ति देने से इनकार कर दिया।पहली नियुक्ति में सभी विषय क्यों?

दरअसल, वर्ष 2018 की नियुक्ति के समय भी आरपीएससी ने शिक्षा विभाग से पात्रता के बारे में पूछा था, तब विभाग ने पात्रता निर्धारण के लिए एक समिति गठित की थी. जिसमें कृषि विवि के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस समिति की सिफारिश के आधार पर सभी विषयों को मान्यता दी गई थी। इसी आधार पर आरपीएससी ने नियुक्ति दी।

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