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बीकानेर,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की 14 नदियों में ‘जहरीला’ पानी बह रहा है. देश की 279 नदियों में से 311 प्रदूषित खंडों की पहचान की गई है.

राजस्थान की बनास, जवाई, चंबल, बांडी, कोठारी, लूणी, गंभीरी, नदी, खारी, माही और पीपलाद नदी शामिल हैं. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लोकसभा को एक सवाल के जवाब में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश में चंबल, बेतवा, खान, काशीपुरा, हिरान सहित कई नदियों में प्रदूषण है.

राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) नदियों के प्रदूषण को रोकने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करना है. अब तक 16 राज्यों की 80 में से 36 नदियों के प्रदूषित खंडों में 6248.16 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना को स्वीकृत करके कवर किया जा रहा है. 2745.7 मिलियन लीटर प्रतिदिन सीरवेज क्षमता सृजित की गई है. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से नदियों और अन्य जल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता की निगरानी की जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नवंबर 2022 तक एक रिपोर्ट तैयार की है. जैविक प्रदूषण के संकेत बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड के संदर्भ में निगरानी परिणाम जारी किये गए हैं.

देश की नदियों में प्रदूषण

आंध्रप्रदेश- 03, कर्नाटक-17, असम-10 महाराष्ट्र- 54, बिहार-18, तमिलनाडु-10, छत्तीसगढ़- 06, तेलंगाना- 10 दिल्ली- 05, उत्तर प्रदेश-17, गोवा- 06, उत्तराखंड- 09, गुजरात-13, पश्चिम बंगाल- 13, हरियाणा- 03, हिमाचल प्रदेश- 09, ओडिशा- 06, पंजाब- 05, जम्मू कश्मीर- 08, मेघालय- 07, झारखंड- 09 केरल- 18

जल शक्ति मंत्री क्या बोले?

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि रिपोर्ट को आये 4 साल हो चुके हैं. उसके बाद सभी नदियों के जल की स्वच्छता को लेकर काम किया जा रहा है. वर्ष 2030 तक पेयजल आपूर्ति की मांग बढ़कर वर्तमान मांग 1508 क्यूबिक मीटर से दुगनी हो जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को देखते हुए आम जनता को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है.

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