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बीकानेर,नाबालिग लड़की से रेप के मामले में दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.आसाराम पर जमीन हथियाने, बच्चों की हत्या समेत कई अन्य मामले दर्ज हैं. उनके बेटे नारायण साईं पर भी ऐसे आरोप लगे थे. हालांकि आसाराम ऐसे अकेले नहीं हैं जो आस्था की आड़ में लोगों की भावना से खिलवाड़ करते रहे हों,

गुरमीत राम रहीम समेत ऐसे कई नाम हुए जो विवादों में रहे और सलाखों के पीछे भी पहुंचे, इनमें कोई ऐसा था जो हथियारों की तस्करी करता था, तो कोई सेक्स रैकेट चलाता था. भक्तों के सामने उनकी पोल तब खुली जब वह सलाखों के पीछे पहुंच गए.

स्वामी भीमानंद खुद को इच्छाधारी बाबा बताता था. वह इसी नाम से मशहूर भी था. भक्तों के सामने वह नागिन डांस करता था. 1997 में उसे लाजपत नगर इलाके में देह व्यापार में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इच्छाधारी बाबा पर आरोप था कि वह प्रवचन के बहाने लड़कियों को फंसाकर सेक्स रैकेट चलाता है. उसका वास्तविक नाम शिवमूरत द्विवेदी है जो पहले गार्ड की नौकरी करता था.

चंद्रास्वामी जिनके नाम की मार्ग्रेट थैचर की देहरी से लेकर भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की दहलीज तक तूती बोला करती थी. चंद्रास्वामी को नरसिम्हा राव का नजदीकी सलाहकार तक माना जाता था. इन पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध होने की भी खूब चर्चा उड़ी थी, हालांकि इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई. चंद्रास्वामी पर हथियारों की तस्करी से लेकर हवाला कारोबार तक के आरोप लग रहे, विदेशी मुद्रा अधिनियम के उल्लंघन जैसे आरोपों की वजह से भी चंद्रास्वामी खूब सूर्खियों में रहे और जेल भी गए.

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2017 में दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था. राम रहीम को ये सजा सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाई थी. उस पर राम रहीम और तीन अन्य लोगों की हत्या और बलात्कार का आरोप था

बाबाओं की फेहरिस्त में स्वामी नित्यानंद भी शामिल हैं, इन पर 2010 में अश्लीलता का मामला दर्ज हुआ था. उस वक्त एक अभिनेत्री के साथ उनका वीडियो सामने आया था. नित्यानंद गिरफ्तार हुए, हालांकि कुछ दिन बाद उन्हें जमानत दे दी गई.

अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले संत रामपाल हरियाणा की सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे. 18 साल तक नौकरी के बाद इस्तीफा दिया और सत्संग करने लगे. रामपाल पर अस्पताल में गर्भपात सेंटर चलाने के आरोप लगे. उस वक्त आश्रम से हथियार और दवाएं भी बरामद हुईं थीं. रामपाल पर सरकारी कार्य में बाधा डालने के अलावा, हत्या और राजद्रोह के आरोप भी लगे थे.

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