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बीकानेर,म्यूजिक की ताल पर थिरकते कदम, फिल्मी गीतों को गिटार की जुगलबंदी के साथ पेश करते युवा कंठ और उनसे रूबरू होने, बातचीत करने और उनकी सराहना करने आए बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर सुधीर पांडे। ये नजारा था बाफना स्कूल में 10वीं और 12वीं क्लास के विद्यार्थियों के लिए आयोजित फेयरवेल पार्टी का जिसके मुख्य अतिथि जाने माने फिल्म अभिनेता सुधीर पांडे और स्पेशल गेस्ट आईपीएस देवेंद्र बिश्नोई (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस एंटीकरप्शन ब्यूरो) थे। फेयरवेल पार्टी में स्कूल के कुल 1000 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

स्कूल के सीईओ डॉ पीएस वोहरा ने बताया कि फेयरवेल पार्टी में विद्यार्थियों द्वारा नृत्य और संगीत के अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिनमें बॉलीवुड फिल्मी गीतों पर रेट्रो डांस, कंटेम्परेरी डांस, राजस्थानी लोक नृत्य, कैटवॉक और फिल्मी गीतों का गायन मुख्य था। प्रतिभागी विद्यार्थियों ने सुर और ताल के साथ सधे अंदाज में अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थित सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर मिस्टर और मिस पर्सनैलिटी तथा मिस्टर और मिस फेयरवेल का इवेंट भी आयोजित किया गया जिसमें क्लास 10 वीं तथा 12 वीं के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

क्लास 10 वीं में मिस्टर पर्सनैलिटी – हर्षित आंचलिया, मिस पर्सनैलिटी – वैष्णवी श्रीमाली, मिस्टर फेयरवेल – लक्ष्य चौधरी, मिस फेयरवेल – दीक्षा दुदेजा वहीं क्लास 12 वीं के मिस्टर पर्सनैलिटी – हेमंत पुरोहित, मिस पर्सनैलिटी – शुभ्रा पारीक, मिस्टर फेयरवेल – अमन चांडक और मिस फेयरवेल – पूर्वी बरडिया विजेता रहे।

कार्यक्रम में स्पेशल गेस्ट देवेंद्र बिश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि कामयाबी का मंत्र यही है कि आप अच्छे इंसान बने। आप लोगों की मदद करने में हमेशा आगे रहें और समाज को कुछ सकारात्मक दें। उन्होंने विद्यार्थियों को महापुरुषों की जीवनियों का पठन-पाठन करने के लिए प्रेरित किया जिससे सकारात्मक उर्जा मिले और सादगी के प्रति जागरूकता भी बढ़े।

मुख्य अतिथि और जाने-माने फिल्म अभिनेता सुधीर पांडे ने छात्र- छात्राओं से रूबरू होते हुए कहा कि जीवन फेयरवेल और वेलकम का ही एक सिलसिला है। फेयरवेल का मतलब नीचे की ओर नहीं बल्कि अगली सीढ़ी की तरफ चढना है। उन्होंने कहा कि हम कामयाबी की खोज में जब निकलते हैं तो यकीनन संघर्ष उसका हिस्सा होता है लेकिन वह जीवन का संघर्ष नहीं होता। जीवन को संघर्ष नहीं बल्कि एक खोज मानना चाहिए जिसमें अपने वजूद हमेशा खोजते रहना चाहिए। हमें जीवन में वो करना चाहिए जिससे हमें संतुष्टि और आनंद की प्राप्ति हो और अपनी इच्छाओं की प्राप्ति के लिए हमें ईमानदार रहना चाहिए। हमें प्रकृति ने बहुत सारी हुनर देकर भेजा है उनमें से कुछ को हम पहचानते हैं और कुछ को नहीं। जिन हुनर को नहीं पहचानते हैं, हमें उन सभी को खोजना चाहिए और अपनी अनुभूति की आवाज और उसके अंदर छिपे भावों को महसूस करना चाहिए। हमें बचपन से ही अपना मूल्यांकन कर देना चाहिए जिससे हम समय रहते अपनी कमियों को दूर कर सके और एक सफल व्यक्तित्व के रूप में समाज में खुद को स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच हमें खंडित कर देती है जिससे हमें बचना चाहिए। आप अपने अंदर एक ऐसी ऊर्जा को पैदा करें जिससे आपका आत्मविश्वास हमेशा बना रहे तथा विपत्ति के समय में हम अपने आप को सहज पा सकें। कार्यक्रम के अंत में डॉ वोहरा ने स्कूल प्रबंधन की ओर से देवेंद्र बिश्नोई तथा मुख्य अतिथि सुधीर पांडे का प्रतीक चिन्ह देकर उनका सम्मान किया और आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन आरजे मयूर ने किया।

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