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बीकानेर,भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक महावीर रांका ने इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के नियमित अशैक्षणिक कार्मिकों की सेवाएं सुचारू कर वेतन भुगतान करने के संबंध में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा। पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सत्र 2018 मे अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में 18 अशैक्षणिक पदों पर नियमित नियुक्तियां की गई थी। राजनैतिक दुर्भावनावश चार वर्ष की सेवा पूर्ण होने के उपरान्त भी इन कार्मिकों को नियमानुसार परिलाभ प्रदान नहीं किए गए। एक कार्मिक की असामयिक मृत्यु हो गई, उसकी विधवा पत्नी को भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। रांका ने बताया कि इतना ही नहीं राजनैतिक दुर्भावना के चलते इन कार्मिकों को मार्च 2०22 को अचानक ही सेवा मुक्त कर दिया गया। कार्यमुक्त कार्मिकों द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका संस्थित किए जाने पर न्यायलय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया लेकिन महाविद्यालय प्रशासन ने स्थगन आदेश की पालना नहीं की। लगभग 60 दिवस बाद कार्मिकों द्वारा अवमानना याचिका संस्थित किए जाने पर महाविद्यालय ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में एकलपीठ के स्थगन आदेश के विरुद्ध स्पेशल अपील दायर की थी जिसे उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा मैरिट के आधार पर खारिज कर दिया गया। राजनैतिक दुर्भावना की पराकाष्ठा के चलते  आज तक इन कार्मिकों की सेवाएं सुचारू नहीं की जा रही है, दस माह से वेतन भुगतान रुका हुआ है जिससे जीवनयापन का भरणपोषण दुभर हो गया है। रांका ने ज्ञापन में गुहार लगाई है कि उच्च न्यायलय के आदेशों की पालना में पुन: सेवा में लिया जाकर बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। ऐसा नहीं होता है तो मजबूतरन आमरण अनशन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में राजेन्द्र शर्मा, मधुसूदन शर्मा, शंभु गहलोत, भगवतीप्रसाद गौड़, आनन्द सोनी व लोकेश कच्छावा आदि शामिल रहे।

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