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बीकानेर.लूणकरनसर विधायक सुमित गोदारा ने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए  भ्रष्टाचार के मामले में आइएएस नीरज के.पवन के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी नहीं करने को लेकर सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए।

भाजपा के लूणकरणसर से विधायक सुमित गोदारा ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े भ्रष्ट अधिकारियों में से एक अधिकारी को बीकानेर में लगाया गया है. इस दौरान उनकी सभापति राजेंद्र पारीक से बहस भी हुई.

विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की बात कही थी. राजस्थान में चीफ सेक्रेटरी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की बात करतीं हैं, लेकिन टॉप 5 भ्रष्टाचार में पकड़े गए आईएएस ऑफिसर की सूची में एक बीकानेर में 1 साल से संभागीय आयुक्त बना हुआ है. उन्होंने कहा कि जो सबसे भ्रष्ट अधिकारी है वही आकर काम कर रहा है. ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जो रंगे हाथ पकड़े गए, वो हमारे यहां बैठे हैं.

सभापति राजेंद्र पारीक के टोकने पर विधायक ने कहा कि आप भ्रष्ट लोगों को संरक्षण दे रहे हैं. ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जो गरीबों के मकान तोड़ रहे हैं, उन्हें संरक्षण मिल रहा है. फिर राजस्थान की जनता कहां जाएगी? अगर हम यहां अपनी बात नहीं रख पाएंगे तो फिर कहां रखेंगे? ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती है?

राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायक फूल सिंह मीणा ने भी सरकार पर जमकर प्रहार किए. उन्होंने प्रदेश की राजधानी जयपुर में हुई फायरिंग की घटना पर सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राजस्थान में अपराध लगातार बढ़ रहा है. जयपुर में खुलेआम अपराधी फायरिंग कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद गृहमंत्री हैं, अगर उनसे यह काम नहीं हो रहा तो फिर वह किसी और को कुर्सी सौंपे, ताकि कानून व्यवस्था पर ध्यान दिया जा सके.

विधायक सुमित ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति की बात करती है। परन्तु बीकानेर के संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन पर भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार ने अभियोजन स्वीकृति नहीं दी है। भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारी को संभागीय आयुक्त के पद पर लगा रखा है।

विधायक ने बिजली के मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि सवा चार साल के कार्यकाल के दौरान रहे दोनों ऊर्जा मंत्री बीकानेर जिले से है। इसके बावजूद गांवों में किसान के शाम को भोजन करने के समय बिजली नहीं रहती। नए जीएसएस नहीं बनाए। फीडर लगाने में भ्रष्टाचार होने के आरोप भी लगाए।

विधायक ने कहा कि पाले से सरसों की फसल शतप्रतिशत खराब हो चुकी है। इसके बावजूद अधिकारियों ने सर्वे कर रहे पटवारियों को 25 फीसदी से ज्यादा खराबा नहीं दिखाने के मौखिक आदेश दे रखे है।कल्ला,भाटी और पवन रहे निशाने पर

विधानसभा में विधायक सुमित गोदारा के निशाने पर जिले के तीनों मंत्री और संभागीय आयुक्त रहे। उन्होंने पहले ऊर्जा मंत्री और वर्तमान शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला व मौजूदा ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी को बिजली, पेपर लीक और महात्मा गांधी स्कूलों के मुद्दों पर साधा निशाने पर लिया। जबकि पाला पड़ने से खराबे का मामला उठाते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा। संभागीय आयुक्त नीरज के.पवन का मामला तो आक्रामक रूप से उठाया।

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