बीकानेर,राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर के बी.आई.आर.सी द्वारा बेस्ट प्रेक्टिस श्रृंखला के तहत नवाचार के रूप में सूर्य: विज्ञान, संस्कृति एवं समाज विषय पर दिनांक 28 जनवरी 2023 एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया । उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि भाभा अनुसंधान केन्द्र के पूर्व डायरेक्टर एवं इंडियन सोसाईटी आफ एनिलिटिकल साईटिंस्ट के अध्यक्ष डाॅ. पी.पी. चन्द्रचूडन, अध्यक्ष प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह, विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष, चेयरपर्सन डाॅ. सुषमा जैन, बीआइआरसी फाउडर डाॅ. नरेन्द्र भोजक व संयोजक डाॅ. एच.एस. भंडारी एवं द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना द्वारा शुरूआत की गई।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डाॅ. पी.पी. चन्द्रचूडन ने मानव विकास में सूर्य गाथा को रेखांकित करते हुए भारतीय परम्परा में सूर्य को जीवनदायी बताया। पैटर्न डाॅ. जी.पी. सिंह ने सूर्य के प्रादुर्भाव एवं भौतिक विज्ञान के माध्यम से सौर ऊर्जा एवं घटनाओं को कीनोट स्पीकर के रूप मे बताया। डाॅ. राकेश हर्ष ने कीनोट स्पीकार के रूप मे सूर्य एवं जीवाश्म विषय को पावर पाईन्ट व उदाहरणों के माध्यम से समझाया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन डाॅ. एच.एस. भंडारी एवं धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. सूषमा जैन द्वारा दिया गया।
उद्घाटन सत्र में जीसीआरसी के डाॅ. एस.एन. जाटोलिया, डाॅ. राजाराम, डाॅ. उमा राठौड़, एवं डाॅ. एस.के. वर्मा द्वारा ‘अल्ट्रासोनिक फोटोकैमिकल रिएक्टर’ के प्रोटोटाइप का पावर पाइन्ट के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। अल्ट्रावायलेट, विजीबल एवं इन्फ्रारेड क्षैत्र की सौर ऊर्जा का उपयोग अल्ट्रासाउन्ड के माध्यम से करते हुए इस रिएक्टर में संश्लेषण किया जा सकेगा। संपूर्ण सेमिनार थीम आधारित रहा जिसे पांच सब थीम मे विभाजित किया गया।
प्रथम सत्र में उदयपुर के डाॅ. रक्षित आमेटा ने फोटोकैमिस्ट्री, आसाम के डाॅ. प्रांजल कालिता ने खाद्य पदार्थाें से उत्पन्न वेस्ट पदार्थ का पर्यावरण प्रभाव, डाॅ. निधि अग्रवाल, डाॅ. सुरूचि गुप्ता, डाॅ अभिलषा सोनेल एवं डाॅ. मधुसूधन शर्मा ने सौर विज्ञान के विभिन्न आयामों पर परिचर्चा की।
द्वितीय सत्र में आसाम की डाॅ. मानसी बुजर बरूआ ने सूर्य किरणों द्वारा पर्यावरण सुरक्षा, डाॅ. मनोज शेखावत द्वारा सौर ऊर्जा एवं डीएफटी तकनीक व सौर ऊर्जा का सतत् विकास में योगदान विषय पर चर्चा की। मेडिकल कालेज की डाॅ. पुष्पा शर्मा द्वारा सोलर बैक्टीरिया विषय पर व्याख्यान दिये गये एवं डाॅ. संगीता शर्मा, डाॅ. अजय नागर, डाॅ. अनु शर्मा द्वारा पैनल परिचर्चा की गई।
तृतीय सत्र का विषय सूर्य के विविध आयाम एवं जिसमें डाॅ. दिव्या जोशी ने सौर सिम्बोलिज्म व इसनोग्राफी, डाॅ. नंदिता सिंघवी ने सूर्य व एस्ट्रानामी का ऋग्वेद में वर्णन एवं डाॅ. मैना निर्वाण ने सौर ऊर्जा के भारतीय परिप्रेक्ष्य में जीओ पालिटिक्स विषय पर व्याख्यान दिया । डाॅ. सुमन्त व्यास ने सौर ऊर्जा के लाइव स्टाक में फोटोपीरिओडिसिटी तृतीय सत्रएवं इसी सत्र में डाॅ. सुमनलता त्रिपाठी, डाॅ. स्मिता शर्मा, डाॅ. राजेन्द्र सिंह, वं डाॅ. सीमा व्यास द्वारा सूर्य सिद्धान्तों के भौतिक, रसायन एवं जीवन विज्ञान में वर्णन एवं उपयोग पर परिचर्चा की गई।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि आरएनबी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. रवीन्द्र मंगल, विशिष्ट अतिथि डाॅ. षिषिर शर्मा, डाॅ. इन्द्रसिंह राजपुरोहित रहे। अध्यक्षता प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह द्वारा की गई। डाॅ. राजेन्द पुरोहित, डाॅ. मातृदत्त शर्मा एवं डाॅ. देवेश खण्डेलवाल ने चेयरपर्सन के रूप में विषेष टिप्पणी की।
डाॅ. राजाराम द्वारा सेमिनार रिपेार्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि कुल 35 व्याख्यान एवं 70 पोस्टर सारांश प्रस्तुत किये गये देश के विभिन्न भागों आसाम, बिहार छतीसगढ, महाराष्ट्र, केरल, मध्यप्रदेश, से 150 से अधिक डेलीगेट्स ने सूर्य महता के वैज्ञानिक पक्ष को समझते हुए इसके संस्कृति एवं समाज में योगदान पर गहन चर्चा की। 25 विभिन्न विषयों के ज्ञाता जब एक विषय पर मंथन करते है तो बौद्धिक चिन्तन द्वारा समाज एवं संस्कृति का विकास होता है। इसे सूर्य सिद्धान्त व सौर संस्कृृति द्वारा समझा जा सकता है। पूरे सेमिनार में चयनित आलेखों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जायेगा।
समापन सत्र में बेस्ट पेपर एवं बेस्ट पोस्टर अवार्ड से नवाजा गया।
अमित बंसल, साक्षी रामपुरिया एवं उषा चारण व कन्हैया लाल को बेस्ट पेपर अवार्ड तथा सुमैया खान, महवीश हुसैन, अदनान, अंषु कैथल, मीनल, शशिकान्त प्रेमी, देवेन्दं सिंह, जया बोकालिया, को बेस्ट पोस्टर अवार्ड से नवाजा गया। लिपाक्षी सोनी, गीतिका चावला, ने लेखन कार्य किया।