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बीकानेर,राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLD) के अध्यक्ष और राजस्थान के फायर ब्रांड नेता हनुमान बेनीवाल के विधायकों को सोमवार को विधानसभा से बाहर किया गया.उस वक्त सदन में मौजूद बीजेपी (BJP) के सभी विधायक बैठे रहे. इससे नाराज होकर हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी की जमकर आलोचना की. उन्हें उम्मीद थी कि पेपर लीक कांड (Paper Leak Case) की सीबीआई से जांच कराने की मांग का बीजेपी समर्थन करेगी और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के विधायकों को निष्कासित करने का आदेश पर सदन का बहिष्कार करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस वजह से सांसद हनुमान बेनीवाल बीजेपी पर भी बरसे.भष्मासुर’ साबित होना नहीं चाहती बीजेपी

इस चुनावी साल में बीजेपी का हनुमान बेनीवाल के विधायकों का साथ नहीं देने का मुख्य कारण यह है कि बीजेपी नहीं चाहती कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी उसके लिए ही भष्मासुर साबित हो. इसी साल चुनाव होने हैं और बीजेपी के 73 विधायक कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाने में समर्थ हैं. ऐसी स्थिति में यदि बीजेपी RLD के विधायकों के समर्थन में सदन का बहिष्कार करती तो उसका राजनीतिक लाभ आरएलडी को मिलता, और कांग्रेस को चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पर हमला करने का यह कहते हुए मौका मिल जाता कि बीजेपी हनुमान बेनीवाल की पार्टी को कांग्रेस के खिलाफ वोटकटवा पार्टी के रूप में इस्तेमाल कर रही है. ऐसा इस वजह से भी बेनीवाल पहले एनडीए का हिस्सा रहे हैं और राजस्थान में जाट समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. किसानों के मुद्दों की लड़ाई लड़ते हैं. बीजेपी नहीं चाहती कि बेनीवाल का कद बढ़े

बीजेपी नहीं चाहती कि किसान आंदोलन के दौरान एनडीए से अलग होने की घोषणा करने वाले हनुमान बेनीवाल की पार्टी बीजेपी के कंधे पर चढ़कर अपना कद बड़ा दिखाए. बेनीवाल क्षेत्रीय नेता हैं और बीजेपी चाहती है कि उनके कमजोर बने रहने में ही बीजेपी को लाभ होगा. उदाहरण के लिए हाल में चूरू जिले के सरदार शहर विधानसभा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार शर्मा इस वजह से बहुत अच्छे अंतर से जीतने में कामयाब रहे क्योंकि हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलडी के प्रत्याशी ने 40 हजार से अधिक वोट काट लिए और बीजेपी के बाद आरएलडी तीसरे स्थान पर रही थी.

जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल की तैयारी

बीजेपी विधानसभा चुनाव के बाद जरूरत पड़ी तो कांग्रेस विरोधी छोटे दलों को साथ लेकर सरकार बनाने का प्रयास करना चाहेगी लेकिन चुनाव संपन्न होने तक वह हनुमान बेनीवाल की पार्टी को आगे बढ़ाने की गलती नहीं करेगी. यही वजह रही कि जब आएलडी के विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल और इंदिरा देवी बावरी को सदन में हंगामा करने के बाद सोमवार को सदन से निकाला गया तो बीजेपी के विधायकों ने उनका समर्थन नही किया.

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