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बीकानेर। परम पूज्य श्री सियारामजी गुरु महाराज की 18वीं पुण्यतिथि सुजानदेसर स्थित रामझरोखा कैलाश धाम में मनाई गई। महंत महामंडलेश्वर श्री सरजूदासजी महाराज ने बताया कि महंत श्रीरामदासजी महाराज के सान्निध्य में श्री सियारामजी महाराज का अभिषेक किया गया। इस अवसर पर हवन के पश्चात् संत-महात्माओं के लिए भंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया।
महामंडलेश्वर श्री सरजूदासजी महाराज का बसन्त पंचमी से गंगादशहरे तक रोजाना तीन घंटे तक कोट धुनि का अनुष्ठान प्रारंभ हो गया है। महात्यागी ने बताया कि यह तप गत 1५ वर्षों से करते आ रहे हैं। लगातार चार माह तक चलने वाले इस तप को 1८ वर्षों तक किया जाता है। साधना में मूल रूप से राम नाम के मंत्र का जप किया जाता है। महात्यागी बताते हैं कि यह तप स्वयं के लिए नहीं बल्कि संसार कल्याण के लिए होता है। गौरतलब है कि श्रीसरजूदासजी महाराज को नौ वर्ष की उम्र में संतों का सान्निध्य मिल गया। अधिकतर समय मथुरा में बिताने वाले महंत सरजूदासजी ने श्रीश्री 108 श्री श्यामदासजी महात्यागी से दीक्षा ली तथा वृन्दावन विद्यालय के गुरुकुल से शिक्षा ग्रहण की। उज्जैन महाकुंभ में महामंडलेश्वर पद पर विराजित सरजूदासजी ने 2016 में तथा 2017 में रामझरोखा कैलाश धाम के महंत पद की गद्दी संभाली।

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