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बीकानेर , कृषि महाविद्यालय के पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अरुण कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में मशरूम उत्पादन युवाओं व किसानों के लिए उद्यमिता व व्यवसाय का प्रमुख साधन होगा। डॉ अरुण कुमार ने मशरूम स्पान व बटन मशरूम की कंपोस्ट किसानों को उपलब्ध कराने हेतु विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण का आयोजन होते रहना चाहिए। प्रशिक्षण के संयोजक डॉ दाताराम ने बताया कि “एट्रेकटिंग एंड सस्टेनिंग यूथ फॉर एंटरप्रेन्योरशिप इन मशरूम प्रोडक्शन’’ विषयक प्रशिक्षण में कुल 93 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। युवाओं को मशरूम उत्पादन से जोड़ने के उद्देश्य से 17 जनवरी से चल रहे, सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

प्रशिक्षण के दौरान बटन ओयस्टर व दूधिया मशरूम उत्पादन तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव
सुनीता चौधरी ने मशरूम अनुसंधान और आगे बढ़ाने की और वित्त नियंत्रक पवन कुमार कस्वा ने मशरूम अनुसंधान की जानकारी किसानों तक पहुंचाने की बात कही। अधिष्ठाता डॉ आई.पी.सिंह ने मशरूम इकाई की स्थापना से लेकर अब तक के सफर पर प्रकाश डाला।

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