बीकानेर,सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट की त्रैमासिक पत्रिका राजस्थान भारती के नए अंक का लोकार्पण शनिवार को इंस्टिट्यूट परिसर में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई थे। उन्होंने कहा कि साहित्य में शोध की संभावनाएं सदैव रहती हैं। यह कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, लेकिन शोधार्थियों को इसका भरपूर लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि पत्रिका अपने स्तर को बनाए रखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मदन सैनी ने कहा कि सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट का इतिहास स्वर्णिम रहा है। संस्था के लिए नानूराम संस्कृता, मुरलीधर व्यास राजस्थानी, अगर चंद नाहटा और प्रोफेसर नरोत्तम दास स्वामी जैसे प्रसिद्ध लेखकों ने कार्य किया है। आगामी अंकों में इस स्तर को बनाए रखना चुनौती है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भंवर भादानी ने संस्था से जुड़े विभिन्न प्रसंग रखे तथा शोध पत्रिका को यूजीसी जैसी संस्थाओं से संबद्ध करने का सुझाव दिया।
युवा साहित्यकार हरि शंकर आचार्य ने पत्रिका में राजस्थानी लोक नाट्य, साहित्य, परम्पराओं और जीवन मूल्यों पर आधारित आलेख संकलित किए हैं। इससे पत्रिका की प्रासंगिकता बड़ी है। उन्होंने महिला लेखकों को पर्याप्त प्रतिनिधत्व देने पर भी प्रसन्नता जताई।
शिक्षा मित्र मनोज बजाज ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। यह समाज को दिशा दिखाने का कार्य करता है। उन्होंने शिक्षा और साहित्य को एक-दूसरे का पूरक बताया।
इससे पहले राजस्थान भारती के संपादक डॉ अजय जोशी ने अंक में सम्मिलित आलेखों तथा इनके विषयों के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले इंस्टीट्यूट के सचिव राजेंद्र जोशी ने संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान भारती के अगले अंकों में हिंदी और राजस्थानी के साथ अंग्रेजी के शोध परक आलेख भी सम्मिलित किए जाएंगे।
अंक पर पत्रवाचन डॉ. निर्मल कुमार रांकावत ने किया। राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा डॉ. गौरी शंकर प्रजापत ने आभार जताया। पत्रिका की पहली प्रति चंद्रशेखर जोशी को भेंट की गई।
इस अवसर पर रवि पुरोहित, असद अली असद, एनडी रंगा, प्रमिला गंगल, आत्माराम भाटी, योगेंद्र कुमार पुरोहित, प्रखर गोस्वामी, मनमोहन कल्याणी, डॉ. मोहम्मद फारुख चौहान, अशफाक कादरी, व्यास योगेश राजस्थानी, डॉ. रेणुका व्यास, मुनीन्द्र प्रकाश अग्निहोत्री, पृथ्वीराज रतनू, बुलाकी शर्मा, नीतू जोशी, सुधा आचार्य, रमेश भोजक समीर, विजय खत्री, सुरेंद्र ढाका, रमेश महर्षि, कमल किशोर पारीक, जगदीश रतनू, शकूर सिसोदिया आदि मौजूद रहे