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बीकानेर.मोनालिसा हत्याकांड में पुलिस ने अब तक की जांच के आधार पर बड़ा खुलासा किया है। मोनालिसा के लिव इन पार्टनर ने हत्या की वारदात को करीब दो साल पहले जयपुर के एक फ्लैट में अंजाम दिया था। उसने पहले मोनालिसा को बेहोश किया, फिर तकिए से मुंह दबा दिया। जिससे दम घुटने से मोनालिसा की मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोनालिसा (32) पुत्री स्वपन चौधरी की 5 फरवरी 2021 की रात करीब एक बजे हत्या कर दी गई थी। आरोपी भवानी सिंह वर्ष 2019 में उसके सम्पर्क में आया। एक साल बाद 2020 से दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। भवानी सिंह के अन्य महिलाओं से भी संबंध थे। पता चलने पर मोनालिसा भवानी से नाराज भी हुई। आरोपी की जीवनशैली में लड़कियों से बात करना, संबंध रखना, महंगे शौक, घूमना-फिरना व पार्टियां करना शामिल था। मोनालिसा सम्पन्न परिवार से होने के साथ खूबसूरत भी थी। भवानी ने उसे अपने जाल में फंसाने के लिए ब्लूइन, रेड चिली जैसे होटलों को किराए पर लिया।

यूं दिया हत्या को अंजाम
पुलिस के मुताबिक, भवानी और मोनालिसा में कई दिनों से अनबन चल रही थी। पांच फरवरी 2021 की रात दोनों के बीच झगड़ा हुआ। भवानी उसकी हत्या की पहले से साजिश रचे हुए था। मोनालिसा रात को सोने से पहले दूध में रसगुल्ला डालकर खाती थी। भवानी ने इस आदत का फायदा उठाया और दूध में 20-25 नींद की गोलियां मिला दीं। दूध पीने पर मोनालिसा बेहोश हो गई, तो उसने मुंह को तकिए से दबाकर हत्या कर दी।

हत्या को प्राकृतिक मौत का दिया रंग

शातिर भवानी ने हत्या को प्राकृतिक मौत बनाने के लिए पहले से तैयारी कर रखी थी। अपने दोस्त जितेन्द्र व उसकी पत्नी सोनिका शर्मा को घर बुलाया। उनके साथ हॉस्पिटल जाने की झूठी कहानी रची। आरोपी ने अन्य दोस्तों गणेश खिंची, मनीषा भाटी, कुलदीप ब्रोकर व एक अन्य महिला को भी बुलाया। सभी ने मिलकर मोनालिसा का एक परिवार की तरह जयपुर के पुरानी चौकी अजमेर रोड पर नगर निगम के श्मशान गृह में अंतिम संस्कार कर दिया। यहां तक की श्मशान गृह के रजिस्ट्रर तक में इसकी एंट्री नहीं की।

अंडरग्राउंड होने की कहानी रची
आरोपी ने मोनालिसा के परिवार को गुमराह करने के लिए मोनालिसा के एनआइ एक्ट में वारंट निकले होने व अंडर ग्राउंड होने की झूठी कहानी 15 से 20 मार्च 2021 के बीच रची। मोनालिसा की मां रूना चौधरी ने इस पर विश्वास कर लिया। इसी बीच अंडरग्राउंड रहने के दौरान अहमदाबाद में कोरोना से भर्ती होने व दौराने उपचार मोनालिसा को आइसीयू में शिफ्ट किए जाने की बात उसकी मां को बताई। इसके एक-दो दिन बाद कोरोना से मृत्यु होना बताकर कोरोना गाइडलाइन के तहत अहमदाबाद प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार करवाना बता दिया। साजिश का पता नहीं चले, इसके लिए मोनालिसा की मां रूना चौधरी के पास आकर रहने लगा। करीब तीन महीने रहने के बाद भवानी रूना से संबंध तोड़कर चला गया।

पैसे का हुआ लेन-देन

पुलिस जांच में सामने आया कि रविन्द्र रामपुरिया व चिराग रामपुरिया ने जमीन के पेटे मोनालिसा को लगभग एक करोड़ का भुगतान किया था। इसका करीब 70 लाख हड़पने के लिए भवानी ने हत्या की साजिश रची। मोनालिसा की जमीन का इकरारनामा मौखिक सहमति के बाद नवंबर 2020 में किया गया। इसके बाद सिविल कोर्ट से मोनालिसा केस विड्रॉ कर लेती है। तब तक 16 लाख के भुगतान को छोड़कर शेष भुगतान किया जा चुका था। इसमें से 30 लाख रुपए रूना चौधरी और शेष मोनालिसा को दिए गए।

अभी जांच जारी
मोनालिसा की आरोपी भवानीसिंह ने रुपयों व बिंदास जिंदगी जीने के इरादे से हत्या की थी। उसका सहयोग करने वाले तीन जनों को भादंसं की धारा 201 में गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं फर्जी दस्तावेज के साथ मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने वाले अधिवक्ता नरेश धवल व मुकेश धौलपुरिया को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अभी जांच चल रही है। जमीन और हत्या के किसी भी पक्ष में किसी को भी पुलिस ने कोई क्लीन चिट नहीं दी है।
अमित कुमार बुड़ानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर

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