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बीकानेर,राजस्थान में शीतलहर का दौर जारी है. मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 22 जिलों में शीतलहर और अति शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया है.

जयपुर. प्रदेश में शीतलहर के साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है.ठंड से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त होता हुआ नजर आ रहा है. लोग सर्दी से बचाव के लिए हीटर और अलाव का सहारा ले रहे हैं. उत्तरी हवाओं के प्रभाव से शीतलहर का असर बढ़ने के साथ ही तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. मौसम विभाग ने मंगलवार को 22 जिलों में शीतलहर और अति शीतलहर का अलर्ट जारी किया है.

फतेहपुर रहा सबसे ठंड- जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक शेखावाटी क्षेत्र को छोड़कर अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान में एक से 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बीती रात फतेहपुर का न्यूनतम तापमान माइनस 4.5 डिग्री, चूरू का माइनस 2.7 डिग्री, अलवर का माइनस 0.5 डिग्री, सीकर का 0.5 डिग्री, बीकानेर का 3 डिग्री, पिलानी का 1.2 डिग्री, भीलवाड़ा का 1.5 डिग्री, गंगानगर का 2.8 डिग्री, हनुमानगढ़ का 1 डिग्री और जयपुर का पास 2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है.

इन जिलों में अलर्ट- मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश में 15 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया गया है और 7 जिलों में अति शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. अजमेर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, कोटा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, टोंक, बीकानेर और नागौर में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया गया है. अलवर, झुंझुनू, करौली, सीकर, चूरू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में अति शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. अति शीतलहर और पाला पड़ने का दौर 18 जनवरी तक जारी रहेगा. 19 जनवरी से न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने से शीतलहर से राहत मिलने के आसार हैं.

न्यूनतम तापमान- प्रदेश में न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 6.6 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 1.5 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 2.5 डिग्री सेल्सियस, अलवर में -0.5 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 5.2 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 1.2 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 0.5 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 4.5 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 4.2 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 2.8 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 2.7 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 8 डिग्री सेल्सियस, पाली में 3.6 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 5.3 डिग्री सेल्सियस और जोधपुर में 7.5 डिग्री सेल्सियस.

फलौदी में 3.6 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 3 डिग्री सेल्सियस, चूरू में -2.7 डिग्री सेल्सियस, श्रीगंगानगर में 2.8 डिग्री सेल्सियस, धौलपुर में 4.6 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 5 डिग्री सेल्सियस, टोंक में 8 डिग्री सेल्सियस, बारां में 1.9 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 7.6 डिग्री सेल्सियस, हनुमानगढ़ में 1.6 डिग्री सेल्सियस, जालौर में 5.3 डिग्री सेल्सियस, सिरोही में 4.6 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 6 डिग्री सेल्सियस, फतेहपुर में -4.5 डिग्री सेल्सियस, करौली में -0.7 डिग्री सेल्सियस, बांसवाड़ा में 5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है.

तापमान में गिरावट की संभावना- आगामी दिनों में प्रदेश में न्यूनतम तापमान में दो से 4 डिग्री की ओर गिरावट होने की संभावना है. सबसे ज्यादा शीतलहर का असर चूरू, सीकर, हनुमानगढ़, झुंझुनू और आसपास के जिलों में देखने को मिलेगा. इसके अलावा अगले तीन-चार दिनों तक फसलों पर बर्फ जमने की परिस्थिति यानी पाला पड़ने की परिस्थिति भी दर्ज होने की प्रबल संभावना है. जयपुर, भरतपुर और बीकानेर संभाग में पाला पड़ने की संभावना है.

बादल छाए रहने की आशंका- जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक आगामी दिनों में दो पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश में मौसम में बदलाव होने की संभावना है. साथ ही न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है. 19 जनवरी से शीतलहर और पाला से राहत मिलने की संभावना है. पहला पश्चिमी विक्षोभ 19 और 20 जनवरी को प्रभावी होगा. इसके प्रभाव से बीकानेर, जयपुर और भरतपुर संभाग के जिलों में आसपास में बादल छाए रहने की संभावना है. 19 जनवरी को एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश और बूंदाबांदी होने की संभावना है. दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 22 से 26 जनवरी के दौरान सक्रिय होने से प्रदेश में बारिश और मावठ होने की संभावना है.

सरकार तत्काल गिरदावरी करा कर किसानों को मुआवजा देः प्रदेश में लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी और शीतलहर से कई जिलों में किसानों की फसल चौपट हो गई है. किसानों की फसल को हो रहे नुकसान पर बीजेपी ने गहलोत सरकार से निशाने पर लिया. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में किसानों की फसल खराब हुई है. सरकार फसल खराबे की जल्द गिरदावरी कराकर किसानों को मुआवजा दे. बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पिछले कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड व शीतलहर से किसानों की फसल चौपट हो चुकी है. वही दूसरी तरफ रही सही कसर राज्य सरकार लगातार अघोषित बिजली कटौती कर के पूरी कर दी. उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली समय पर मिलती तो किसान फसल को पानी देकर बचा पाते, लेकिन बिजली नहीं मिलने की वजह से उस फसल को भी किसान नहीं बचा पाए.

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