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बीकानेर,प्रश्न पूछिये, जिज्ञासा रखिये, विवेकानंद का गुरुत्व आप स्वयं में महसूस करेंग। एमजीएसयू इतिहास विभाग ने स्वामी विवेकानंद के सम्मान में मंगलवार को विवेकानंद जयंती सप्ताह के तहत युवा जागरण दिवस आधारित विस्तार व्याख्यान में लालेश्वर महादेव मठ, शिवबाडी के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानन्द मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात कह रहे थे। आयोजन में उन्होंने कहा कि डिफरेंसियेशन, डीसीजन और डिटर्मिनेशन वो गुण हैं जो युवा को विवेकानंद बनाने कि ताकत रखते हैं।

आयोजन सचिव इतिहास विभाग की सह प्रभारी डॉ॰ मेघना शर्मा ने बताया कि सर्वप्रथम एमजीएसयू परिसर स्थित विवेकानंद वीथी में लगी स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर मुख्य वक्ता, मंचस्थ विद्वतजनों व समस्त विद्यार्थियों द्वारा विवेकानंद जी को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
स्वागत भाषण देते हुये विभागाध्यक्ष प्रो॰ अनिल कुमार छंगाणी ने युवाओं को प्रेरित करने में विवेकानंद की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में इतिहास विभाग के छात्रदल ने विमर्शानन्द जी को भगवद् गीता की प्रति भेंट की जिसमें निधि, सुमन, आरती, भवानी, गुनगुन, हिमांशु, शीतल, अंजलि आदि शामिल रहें।
कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो॰विनोद कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि युवा को विकसित करने में उसकी परवरिश का बहुत बड़ा योगदान होता है, विवेकानंद चिरयुवा रहे। समस्त आयोजन का संचालन इतिहास विभाग की सह प्रभारी डॉ॰ मेघना शर्मा द्वारा किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेन्द्र प्रताप सिंह ने दिया।
आयोजन में डॉ॰ अभिषेक वशिष्ठ, डॉ॰ प्रगति सोबती, डॉ॰ गौतम मेघवंशी, डॉ॰ प्रभु दान चारण, उमेश शर्मा, डॉ॰ रितेश व्यास, डॉ॰ मुकेश हर्ष, डॉ॰ राकेश किराडू, डॉ॰ मदन राजोरिया, डॉ॰ मीनाक्षी शर्मा, रामोवतार उपाध्याय, राजेश चौधरी, सुधीर छीपा, सुनीता स्वामी, जसप्रीत सिंह आदि संकाय सदस्यों के अलावा भारी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहें।

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