प्रख्यात ज्योतिषी और साहित्यकार डॉ.कुमार गणेश की गायत्री प्रकाशन से प्रकाशित 11 कृतियों का लोकार्पण रविवार को स्थानीय धरणीधर रंगमंच पर हुआ। गायत्री सेवाश्रम, सागर के पीठाधीश्वर अधिष्ठाता ‘दाताश्री’ रामेश्वरानंदजी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्योतिषाचार्य व धर्मगुरु एच.एस.रावत व विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ वास्तुविद आर.के.सुतार थे। स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ थे।
कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए ‘दाताश्री’ रामेश्वरानंदजी ने कहा कि डॉ.कुमार गणेश ने अंक ज्येातिष के क्षेत्र में इन किताबों की रचना करके एक ऐसा कार्य कर दिया है, जिसकी इस क्षेत्र के जिज्ञासाओं को सदियों से प्रतीक्षा थी, जो आज पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि ईष्ट प्रबल हो तो वाणी सिद्ध होती है, जिसका ईष्ट खरा है, उसकी भविष्यवाणी खरी होती है। उन्होंने कहा कि मां से बड़ी कोई गुरु नहीं होती, लेकिन मातृ देवो भव:, पुत्र देवो भव:, आचार्य देवो भव: के साथ राष्ट्र देवो भव: भी मानना चाहिये।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्मगुरु व ज्योतिषाचार्य एचएस रावत ने कहा कि ज्योतिषी पाखंड नहीं, विज्ञान है, लेकिन जिस तरह दूसरे कार्यों में भी झूठ है, इस कार्य में को भी कुछ गलत लोगों की वजह से पाखंड माना जा रहा है। इस क्षेत्र में पढ़े-लिखे लोगों के आने से विश्वसनीयता बढ़ी है।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ वास्तुविद आर.के.सुतार ने कहा कि मेहनत और संघर्ष से ही डॉ.कुमार गणेश बनता है। बीकानेर के जाये-जन्मे इस व्यक्तित्व ने जो पाया है, वह बीकानेर के लिए सम्मान की बात है। सुतार ने कहा कि इन कृतियों के माध्यम से अंक ज्योतिष से जुड़े कई विषयों को शमन होगा।
स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि कुमार गणेश की आज भले ही एक ज्योतिषी के रूप में पहचान हो, लेकिन ये सबसे पहले एक रंगकर्मी हैं। रंगकर्मी होने की वजह से ही कुमार गणेश हर क्षेत्र में सफल रहे बल्कि जीवन को सार्थक भी कर रहे हैं।
कृतियों के रचयिता डॉ.कुमार गणेश ने इस अवसर पर कहा कि ये किताबें कोई आजकल की नहीं है, 35 साल के अनुभव और अनुभूतियों का प्रकटीकरण है। इन किताबों में मैंने अंक ज्योतिष के अब तक एक से नौ अंक तक सीमित क्षेत्र को न सिर्फ व्यापक किया बल्कि महाशून्य जैसे नवीन अंक से जुड़े तथ्यों पर भी काम किया है। इस विषय पर अभी कुछ और कृतियां आनी है।
साहित्यकार-पत्रकार हरीश बी.शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि अंक-ज्योतिष जैसे विषय पर इतनी प्रामाणिक किताबों को छापते हुए गायत्री प्रकाशन स्वयं गौरवान्वित महसूस कर रहा है। किसी भी प्रकाशन संस्थान का यह दायित्व होता है कि वह ऐसे कंटेंट का प्रकाशन करे, जिसकी समाज को जरूरत हो। गायत्री प्रकाशन के ‘जन तक सृजन’ अभियान का यही ध्येय है।
प्रारंभ में अंक ज्योतिषी डॉ.कैलाश प्रज्ञ ने कहा कि डॉ.कुमार गणेश को अपने पिता केवलचंद जी से ज्योतिषीय-ज्ञान मिला, जिसका संवद्र्धन करते हुए उन्होंने मुझे भी इससे संस्कारित किया।
कार्यक्रम का संचालन कवयित्री-कथाकार ऋतु शर्मा ने किया। आभार सामाजिक कार्यकर्ता आनंद जोशी ने स्वीकार किया। इस अवसर पर राजनीतिक, सामाजिक और साहित्यिक जगत से अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
गायत्री प्रकाशन की कृतियों का सैकड़ा पार
बीकानेर। गायत्री प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कृतियों की संख्या 106 हो गई है। रविवार को धरणीधर रंगमंच पर आयोजित डॉ.कुमार गणेश की 11 कृतियों को लोकार्पण के साथ ही गायत्री प्रकाशन की प्रकाशित कृतियों का आंकड़ा सैकड़ा पार हो गया। इस अवसर पर प्रकाशित कृतियों के रचनाकारों व सहयोगितयों का का सम्मान किया गया। मनमोहन कल्याणी, मधु आचार्य ‘आशावादी’, निर्मल कुमार शर्मा, डॉ.कुमार गणेश, हरीश बी. शर्मा, सीमा भाटी, ऋतु शर्मा, रामसहाय हर्ष, नगेंद्र नारायण किराड़ू, आशीष पुरोहित, बाबूलाल छंगाणी साहित श्याम व्यास, किसन व्यास, पेंटर धर्मा आदि को रचनात्मक लेखन के लिए सम्मानित किया गया।