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बीकानेर,कोटा, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में 9 से 13 जनवरी तक पांच दिवसीय शॉर्ट टर्म कोर्स के आयोजन का समापन समारोह आयोजित किया गया।

सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ नें बताया कि कुलपति प्रो. एस के सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह की अल्पकालीन ट्रेनिंग कोर्स से छात्रों के प्लेसमेंट में लाभ मिलता है। यह कोर्स डायरेक्ट इंडस्ट्री एप्लीकेशन पर आधारित होते हैं। इन कोर्स से छात्रों को एन आई टी एवं आई आई टी के विषय विशेषज्ञों से पढ़ाई का लाभ मिलता है। आज शॉर्ट टर्म कोर्स छात्रों के लिए करियर बढ़ाने वाले अवसरों की तरह हैं। ये पाठ्यक्रम छात्रों को उनके कौशल को बढ़ाने और उनकी रुचि वाले विषयों और मुख्य विषयों पर अधिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं। एक तरह से, यह छात्रों को अधिक जानकारी, विभिन्न दृष्टिकोण और उन महत्वपूर्ण विषयों या विषयों की गहन समझ प्राप्त करने में मदद करता है जिनके बारे में एक छात्र अधिक जानने को तैयार है। वर्तमान बाजार परिदृश्य में लघु अवधि के पाठ्यक्रमो की महत्ता में वृद्धि हुई हैं। तकनीकी प्रशिक्षण को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह ऊपर वर्णित कई उद्देश्यों को भी पूरा करता है, इसने बहुत महत्व अर्जित किया है। अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के महत्व और आवश्यकता को समझते हुए, उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए उनके मुख्यधारा के पाठ्यक्रम या विषयों के बावजूद विभिन्न अल्पकालिक पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने वाले अधिकांश छात्र नौकरी के साथ गारंटीकृत अल्पावधि पाठ्यक्रमों को पसंद करते हैं क्योंकि विश्वविद्यालय अल्पावधि पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए अत्यधिक प्रतिष्ठित हैं और उनकी प्लेसमेंट सुविधाओं के लिए मान्यता प्राप्त है।

मेटलेब एंड इट्स एप्लीकेशंस इन इंजीनियरिंग पर आयोजित शॉर्ट शॉर्ट टर्म कोर्स में प्रोफेसर एस एस धामी एन आइ टी टी टी आर चंडीगढ़ ने व्याख्यान दिए। अंतिम दिन प्रोफेसर राजेश कुमार एम एन आई टी जयपुर का ऑप्टिमाइजेशन टेक्निकस विषय पर व्याख्यान हुआ। समापन सत्र में डीन फैकेल्टी अफेयर्स प्रोफेसर ए के द्विवेदी ने छात्रों के लिए मेटलेब सिमुलेशन की उपयोगिता के बारे में बताया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ए के चतुर्वेदी ने कैटिया, सॉलिडवर्क्स, मेटलेब इत्यादि सिमुलेशन सॉफ्टवेयर के कोर्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग में ऐसे अन्य कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाते रहेंगे। कुछ छात्रों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम में मैथमेटिकल मॉडलिंग ऑफ इंजीनियरिंग सिस्टम्स, इंट्रोडक्शन टू मेटलेब, प्रोग्रामिंग इन मेटलब, इंट्रोडक्शन टू सिमुलिंक, ऑप्टिमाइजेशन इन मेटलेब, करव फिटिंग, मॉडलिंग यूजिंग आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क, मॉडलिंग यूजिंग पीएसओ, 2D एंड 3D प्लॉटिंग, ओपन एंड क्लोज्ड लूप कंट्रोल, मॉडलिंग एंड सिमुलेशन ऑफ कंट्रोल सिस्टम, आदि टॉपिकस पर व्याख्यान हुए। इसके अतिरिक्त छात्रों को मेटलेब सॉफ्टवेयर पर हैंड्स ऑन रियल टाइम प्रैक्टिस का भी समय दिया गया। कार्यक्रम में लगभग 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में डॉ संजू तंवर, रीतेश पाटीदार, डॉ शांति लाल मीणा, डॉ पंकज शर्मा, डॉ राजेश भट्ट, प्रो संदीप कुमार पाराशर, मोहम्मद शाहिद, डॉ एस के शर्मा, प्रो जितेंद्र कुमार शर्मा, डॉ अजय शर्मा, डॉ अजय शर्मा, डॉ शिवलाल, डॉ ओम शंकर प्रजापति, डॉ निर्मला शर्मा, डॉ एम एल मीणा, डॉ लता गिदवानी, डॉ राजेश कुमार भट्ट, श्री मुनीष बिंदल, डॉ डी के सामबरिया, श्री संजय कुमार टाक, डॉ हरीश शर्मा, डॉ के बी राणा, डॉ एस एस गोदारा, डाॅ राजश्री तापड़िया, डॉ शरद माहेश्वरी, डॉ बृजेश त्रिपाठी, अन्य संकाय सदस्यों एवं छात्रों ने भाग लिया।

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