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बीकानेर,इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी के बजाय 15 जनवरी को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात तीसरे पहर में होगा, इसलिए 15 जनवरी को ही संक्रांति का संक्रमण काल होगा। इसी दिन संक्रांति की पूजा और स्नान-दान होंगे। इस बार संक्रांति का आगमन दक्षिण दिशा से होगा। हाथ में श्वेत फूल लिए संक्रांति का उपवाहन वृषभ होगा। संक्रांति हरित वस्त्र धारण कर चंदन का लेप लगा, हाथ में ताम्र पात्र लिए होंगी। मान्यता के अनुसार इसका अर्थ है कि इस साल भरपूर कृषि उत्पादन और व्यापार में जबरदस्त वृद्धि होगी संक्रांति का गमन उत्तर दिशा की ओर होगा। यह उत्तर भारत के लिए विशेष शुभफलदायी होगा। गौरतलब है कि मकर संक्रांति पर्व भगवान सूर्य के दिशा बदलने का पर्व भी माना जाता है। इस दिन से भगवन सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। इससे ठंड धीरे-धीरे कमेगी और गर्मी का अहसास बढऩे लगेगा। दिन में धूप भी चटख होने लगेगी। इससे अभी लोगों को ठंड का धीरे-धीरे राहत मिलने लगेगी। इस दिन खरीफ की फसलों चावल, मूंगफली, गुड़, तिल उड़द इन चीजों से बनी सामग्री से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन चावल और उड़द की दाल से खिचड़ी बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है और लो एक दूसरे को इसे प्रसाद के रूप में घर भेजते हैं। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।

14 की रात मकर राशि में जाएंगे सूर्य
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस वर्ष संक्रांति 14 जनवरी को नहीं मनाई जाएगी। सूर्य का मकर राशि में संक्रमण 14 जनवरी 2023 की रात के चतुर्थ पहर में 3.10 बजे होगा। इसलिए दूसरे दिन 15 जनवरी रविवार को ही इसका पुण्यकाल माना जाएगा। संक्रांति वाले दिन सुकर्म योग भी बन रहा है, जो विशेष शुभफलदायी है।

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