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बीकानेर, नालन्दा पब्लिक सी. सै. स्कूल मंे आज करूणा क्लब ईकाई के द्वारा स्वामी विवेकानन्दजी की 153वीं जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द जी की मूर्ति को माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पण करते हुए शाला प्राचार्य युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने कहा कि विवेकानंद योद्धा सन्यासी व आधुनिक भारत के निर्माता रहे, जिनकी प्रासंगिकता आज भी है। उन्होंने छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि विवेकानन्द आप और हम भी बन सकते हैं, लेकिन तब ही बन सकते हैं, जब हम हमारे उद्देश्यों, संकल्पों या किसी विषय को विवेक व आनंद के साथ सम्पूर्ण करें। जिसमें वसुदेव कुटुम्बकम् की भावना हो, समस्त मानव प्राणी के, जीव जंतु के, पर्यावरण के संरक्षण की बात हो।

श्री रंगा ने वर्तमान परिदृश्य में हमारे भारत में विवेकानन्द के आदर्शांे पर चलना अत्यंत महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि जिन पश्चिमी लोगों को विवेकानन्द जी ने भारतीय संस्कृति को जानने के लिए विवश किया। आज वही संस्कृति हमारे समाज में व भारतीय संस्कृति पर हावी होती जा रही है।
इस अवसर पर छात्र/छात्राएं विवेकानंदजी के चित्र का चित्रांकन करके लाये तो दूसरी ओर बहुत से विद्यार्थियों ने विवेकानंदजी के जीवन यात्रा, प्रेरक प्रसंग एवं उनके द्वारा कहे गए अमर वाक्यों का वाचन भी किया।
इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण यह था कि शाला का एक छात्र प्रणव भोजक विवेकानंद बनकर आया और उसने शिकागो की प्रसिद्ध धर्म संसद में उनके उद्बोधन के कुछ अंशों का वाचन किया।
करूणा क्लब प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने बताया कि इस राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आज शाला में विवेकानन्दजी के जीवन पर प्रश्नोत्तर, निबंध, भाषण व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्तर पर आए छात्र/छात्राआंे को शाला प्राचार्य द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। शाला की सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी हेमलता व्यास द्वारा छात्र/छात्राओं को विवेकानन्द जी के संस्मरण को कहानी के रूप में समझाया।
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर शाला के विजय गोपाल पुरोहित, भवानी सिंह, राजेश ओझा, सीमा पालीवाल, कुसुम किराडू, आदि ने भी स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन श्री उमेश सिंह चौहान ने किया व सभी का आभार श्रीमती विभा रंगा ने व्यक्त किया।

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