
विदित रहे कि इंस्पायर अवार्ड में चयनित हर बाल वैज्ञानिक को अपने दिए गए आइडिया पर खुद का मॉडल तैयार करने के लिए 10 हजार रूपए उनके खाते में सीधे ही जमा कराए जाएंगे। उनके तैयार किए मॉडल को जिला स्तरीय प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाएगा। जिला स्तर पर चयनित मॉडल में से 10 फीसदी मॉडल का राज्य स्तर पर तथा राज्य स्तर पर चयनित मॉडल में से 10 फीसदी का राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित बाल वैज्ञानिकों के मॉडल राष्ट्रपति भवन में आयोजित प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए जाएंगे। राज्य से 60 बाल वैज्ञानिक होंगे राष्ट्रीय स्तर पर चयनित।
बाबूलाल ने बताया कि इस मॉडल को बनाने की प्रेरणा सिंथेसिस प्री-फाउण्डेशन इंचार्ज चिरायु सारवल व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक दीपक जोशी की सिंथेसिस में आयोजित वर्कशॉप से मिली। इस अवसर पर संस्थान के निदेशकों ने विधार्थियों को सैद्धांतिक शिक्षा के अलावा प्रायोगिक शिक्षा में भी उत्साह से भाग लेने के लिए मोटीवेट किया।