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बीकानेर,भारत की पहली मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख की जयंती पर सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी बीकानेर के तत्वावधान में उनको याद करते हुए समाज उत्थान में शिक्षा की भूमिका विषयक एक संगोष्ठी का आयोजन अस्मत अमीन हाउस में किया गया । संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए साहित्यकार एवं साक्षरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले राजेंद्र जोशी ने कहा शिक्षा वास्तविक रुप से समाज के उत्थान का पैमाना तो है ही साथ ही शिक्षा के कारण वंचित और हाशिए पर खड़े लोगों को आगे आने का मौका मिलता है । उन्होंने फातिमा शेख के योगदान को याद करते हुए कहा की विषम परिस्थितियों में सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले को अपने भाई उस्मान शेख के साथ सहयोग कर फातिमा शेख ने इतिहास रच दिया था । सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी बीकानेर के अध्यक्ष एवं शिक्षक नदीम अहमद नदीम ने कहा कि फातिमा शेख आज ना केवल महिलाओं के लिए वरन शिक्षा के प्रति लगाव रखने वाले और शिक्षा के महत्व को समझने वाले सभी लोगों के लिए आदर्श और अनुकरणीय है। नदीम अहमद नदीम ने कहा कि आज के दौर में हालांकि सभी सुविधाएं उपलब्ध है लोगों की सोच भी बदली है लेकिन कल्पना की जा सकती है फातिमा शेख, सावित्रीबाई फूले के जमाने में विपरीत हालात में इन लोगों ने अपने त्याग से जो शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया है वह आज समाज को आसानी प्रदान कर रहा है। संगोष्ठी में सहायक निदेशक मनीष गहलोत, शिक्षिका तस्नीम बानो ,साहित्यकार संजय जनागल, मुफ्ती सद्दाम हुसैन, इमरोज नदीम  , और अरमान नदीम ने भी फातिमा शेख को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए

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