बीकानेर,लाडखानी मे रक्षा बधंन पर शहीद सुरजभगवान बुडानिया को रक्षा सुत्र बांधती बहिने 11 साल पहले रक्षा बंधन पर हुए शहीद फतेहपुर दीनवा लाडखानी मे रक्षा बधंन पर शहीद मुखराम बुडानिया की प्रतिमा के रक्षा सुत्र फतेहपुर के हिरणा गांव मे शहीद हरलाल सिंह को उनकी बहिन कौशल्या राखी बांधते हुए
गोलियों ने दी शहादत, दिलों में आज भी जिंदा हैं भैया
रक्षा बंधन पर बहिन तीन भाई का था इन्तजार पहुचा था गांव मे शहीद का पार्थिव शरीर 11 साल से प्रतिमा पर बाधंती रक्षासुत्र वीरों की धरती फतेहपुर शेखावाटी मे में भाई बहन के प्रेम की अमर कहानी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है। राखी का बंधन महज धागा नहीं है, यह भाई बहन के प्यार की अटूट डोर है।फतेहपुर दिनवा लाडखानी में यह बंधन भाइयों की शहादत के बाद भी वर्षों से जिंदा है। रक्षा बधंन के दिन शहीद सुरजभगवान बुडानिया हुआ अन्तिम संस्कार
फतेहपुर । वीर भुमि की भाई बहन के प्रेम की अमर कहानी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है। राखी का बंधन महज धागा नहीं है, यह भाई बहन के प्यार की अटूट डोर है। सीकर जिले के फतेहपुर के दिनवा लाडखानी भाई बहिन यह बंधन भाइयों की शहादत के बाद भी वर्षों से जिंदा है। यहां पिछले 11 साल से बहनें हर साल रक्षाबंधन पर देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अपने भाइयों की प्रतिमा के हाथों पर राखी बांध इस पवित्र रिश्ते को निभाती आ रही हैं। 18 अगस्त 2010 को दिनवा के सुरजभगवान शहीद हो गये। रक्षाबंधन के दिन तीन बहने सुमित्रा,सीता,ममता भाई के आने का इन्ततार कर रही थी लेकिन शहीद भाई का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा । सालों बाद भी बहनें अपनी भावना व्यक्त करने यहां पहुंचती हैं, भाइयों की कलाई सजाती हैं और उनसे रक्षा का वचन लेती हैं। उनके इस प्रेम को देखने वाले हर व्यक्ति की आंख इस मौके पर भर आती है। बहनें कहती हैं कि हमें लगता है कि हमारे भाई आज भी हमारे बीच हैं। काश कि वे आज के दिन हमारे पास होते। वे देशसेवा में शहीद हुए हैं, हमें उनपर गर्व है।
शेखावाटी के सीकर,झुझंनू व चुरू मे शहीदों की प्रतिमा इस इलाके के कई गांव में दिख जाएगी। स्वजन इन प्रतिमाओं को देख महसूस करते हैं कि शहीद उनके बीच ही हैं। ऐसे मे ही एक फतेहपुर के दिनवा लाडखानी मे तीन प्रतिमा गांव के बीच है। जिन्हे रक्षा सुत्र बाधनें उनकी बहने पहुचती है। इसी तरह शहीद धर्मवीर सिंह के उषा कवर राखी बाधने अहमदाबाद से पुहचती है। शहिद मुखराम बुडानिया के प्रमेश्वरी रक्षा सुत्र बाधती है। जिले के हिरणा गांव मे शहीद हरलाल सिंह को उनकी बहिन कौशल्या राखी बधाने पहुची। ,बीबीपुर ,बिराणिया, खोटिय सहित दर्जनों गांवों बहने शहीद की प्रतिमा को रक्षा सुत्र बाधती है। शहिदों की मुर्ती अनवावरण के बाद इनकी प्रतिमा यहां स्थापित की गई। इसके बाद से ही बहनें प्रतिमाओं में राखी बांधने आने लगीं। हर साल रक्षाबंधन के दिन बहनों का यहां तांता लगा रहता है। इस जगह पर शहीदों की याद में गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस आयोजन करते है।