बीकानेर,जैसलमेर के रहने वाले एक गरीब बेरोजगार युवक को एक करोड़ रुपए से ज्यादा की जीएसटी चुकाने का नोटिस मिला है. नोटिस को देख युवक के होश उड़ गए. नोटिस में कहा गया है कि युवक के नाम पर जीएसटी बकाया है, जिसे जल्द नहीं भरा गया तो कार्रवाई की जाएगी.यह नोटिस केंद्रीय आयुक्तालय दिल्ली उत्तर से भेजा गया है.
दरअसल, युवक के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर दिल्ली में व्यवसाय कर रहे व्यापारी ने गलत तरीके से करोड़ों का टर्नओवर किया. इसके बाद सेंट्रल जीएसटी विभाग ने जैसलमेर के इस गरीब युवक को एक करोड़ 39 लाख 79 हजार 407 रुपए का जीएसटी नोटिस दे दिया.
जैसलमेर के रीदवा निवासी नरपतराम पुत्र नवलाराम मेघवाल को आयुक्तालय दिल्ली उत्तर से नोटिस भेजा गया है. इस मामले को लेकर युवक पुलिस अधीक्षक से मिला और घटना की जानकारी दी. इसके बाद एसपी ने सदर थाने को मामले की जांच कर केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
युवक नरपतराम ने बताया कि वह बेरोजगार व्यक्ति है. वर्तमान में पिता पर आश्रित है. पिता कृषि कार्य कर परिवार का गुजारा करते हैं. उसे सेंट्रल जीएसटी विभाग से तीन दिन पहले एक नोटिस मिला है. इसमें एक करोड़ 39 लाख 79 हजार 407 रुपए टैक्स बकाया होने की बात कही गई. उसे 9 जनवरी 2023 को दिल्ली में भी तलब किया गया है.
पैन कार्ड व अन्य दस्तावेजों से की गई धोखाधड़ी
नरपतराम ने बताया कि उसकी कोई फर्म भी नहीं है, उसने कोई व्यवसाय भी नहीं किया, किसी ने उसके पैन कार्ड का मिसयूज करके फर्म बनाई और उसमें व्यापार किया. इसके कारण उसे यह नोटिस मिला है.
इस मामले की जांच पड़ताल करने पर पता चला कि उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य कागजात का किसी ने गलत प्रयोग करते हुए एक फर्म बनाई हुई है. उक्त व्यक्ति दिल्ली का है, जिसने यह फर्जीवाड़ा किया.
एसपी बोले- मामले में दर्ज किया जा रहा है केस
नोटिस के अनुसार, नरपतराम के पैन कार्ड पर एक फर्म का संचालन हो रहा है. पैन कार्ड और आधार कार्ड पर एक कंपनी का पंजीयन है. नरपतराम ने कहा कि इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. नरपतराम शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा है, वह सूरतगढ़ में पढ़ाई कर रहा है.
पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत ने बताया कि पीड़ित युवक मिला था, उसके साथ हुए फ्रॉड के संबंध में जानकारी मिली है. इस संबंध में सदर थाना को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दोषियों के खिलाफ जांच पड़ताल करने को कहा है. इस संबंध में मामला भी दर्ज किया जा रहा है.
मामले को लेकर क्या कहते हैं सीए
सीए भावेश कुमार ने कहा कि इस पूरे मामले की शिकायत जीएसटी पोर्टल व स्थानीय कार्यालय में भी की जा सकती है. संभवतः फ्रॉड करने वाले किसी व्यक्ति को नरपत का पैन कार्ड नंबर मिल गया था, जिसने नरपत को फोन करके ओटीपी मांगी होगी. उसके ओटीपी देने के बाद ही फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने उसके नाम से नई फर्जी फर्म बनाई है. किसी भी सूरत में पैन कार्ड, आधार कार्ड डिटेल्स व ओटीपी अंजान व्यक्ति को शेयर नहीं करने चाहिए.