बीकानेर,पीछले सप्ताह तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर सरकारी स्तर पर सहमति के बाद अब तबादलों को लेकर कवायद शुरू हो गई है.बावजूद इसके इस एक सप्ताह में शिक्षा निदेशालय में इसको लेकर कोई हलचल देखने को नहीं मिली है.बीकानेर. शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर कवायद शुरू हो गई है. सरकारी स्तर पर तबादलों को लेकर सहमति भी बन गई है. बावजूद इसके ये तबादले किस आधार पर होंगे और क्या इसकी प्रक्रिया होगी इसको लेकर अभी तक कोई भी सुगबुगाहट प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में नहीं है. लेकिन शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें अगले एक सप्ताह में इसको लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी.
2018 से पहले वालों के होंगे तबादले: बताया जा रहा है कि इन तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों में 2018 से पहले नियुक्त हुए शिक्षकों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. साल 2012 और 13 में बड़ी संख्या में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी और लंबे समय से ये शिक्षक तबादले की मांग कर रहे हैं. इन तबादलों की प्रक्रिया में 2018 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को पूरी तरह से बाहर रखा जा सकता है. हालांकि अंतिम रूप से इस प्रक्रिया को लेकर कोई बात सामने नहीं आई है. लेकिन बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी के सामने इस बात की चर्चा हुई थी और सहमति दी गई कि 2018 के पहले के ही तबादले किए जाएं.वरिष्ठता छोड़ना नहीं चाहते शिक्षक: दरअसल तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के समय में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर आवेदन लिए गए थे. उस वक्त करीब 85000 शिक्षकों ने आवेदन किए थे. लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार इन 85000 की संख्या कम हो जाएगी. इसका कारण यह है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों को दूसरे जिले में स्थानांतरित होने पर अपनी वरिष्ठता को छोड़ना पड़ता है और अब अधिकांश शिक्षक अपनी वरिष्ठता को इसलिए नहीं छोड़ना चाहते हैं कि आने वाले एक साल में उनका 10 साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. ऐसे में खुद-ब-खुद वरिष्ठ अध्यापक स्केल में पदोन्नत हो जाएंगे. जिसके बाद उनका तबादला होने पर उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा. माना जा रहा है कि इसलिए एक बार फिर तबादलों को लेकर आवेदन की प्रक्रिया होगी. उसके बाद ही तबादला चाहने वालों की तस्वीर साफ होगी.TSP और नॉन टीएसपी की रहेगी बाध्यता: हालांकि शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के कम पद वाले जिलों को डार्क जोन में चयनित किया गया है. लेकिन अब प्रदेश में अधिकांश जिलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद रिक्त नहीं है और रिक्त पदों की संख्या ज्यादा नहीं होने के चलते माना जा रहा है कि अब डार्क जोन की बाध्यता हट सकती है. हालांकि टीएसपी और नॉन टीएसपी क्षेत्र की बाध्यता रहेगी.
अगले हफ्ते साफ होगी तस्वीर: इधर, प्रदेश प्रभारी के साथ हुई बैठक के बाद उक्त विषय पर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री व शिक्षा राज्य मंत्री के अधिकारियों से कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं, राज्य के शिक्षा मंत्री बीडी किल्ला राष्ट्रपति के राजस्थान दौरे में व्यस्त हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक इस पूरी प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों के साथ शिक्षा मंत्री की बैठक हो सकती है. जिसमें इस पर कोई नीतिगत निर्णय होंगे. उसके बाद ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की राह खुलेगी.