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बीकानेर,सरकार ने गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण की सूचना देने वालों के लिए मुखबिर योजना शुरू कर रखी है, लेकिन स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग को एक साल में मुखबिर ही नहीं मिला है। इस वजह से लिंग परीक्षण को लेकर चल रही यह योजना सुस्त पड़ी है। हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की जिला स्वास्थ्य समिति की बैठकों में मुखबिर योजना को सक्रिय करने के लिए कई बार निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन बैठक समाप्त होने के बाद निर्देशों की क्रियान्विति नहीं हो पाती है। हालांकि इस योजना को सफल बनाने के लिए बड़ी रकम भी आवंटित की हुई है, लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में योजना की सही जानकारी न तो स्टाफ को है और न ही अन्य लोगों को मालूम है। ऐसे में लिंग परीक्षण की सूचना देने वालों के लिए शुरू सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

यह है मुखबिर योजना

लिंग परीक्षण की सूचना देने वालों के लिए सरकार ने पांच साल पहले मुखबिर योजना शुरू की थी। उस समय सूचना देने वाले मुखबिर को दो लाख रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते थे।

धीरे-धीरे इस योजना को और मजबूत करने के लिए इसमें राशि का इजाफा किया गया है। इस समय तीन लाख रुपए मुखबिर योजना के लिए आवंटित किए हुए हैं। यह बजट लैप्स नहीं होता है, इसे स्थाई फंड में जमा किया जाता है। तीन लाख रुपए अलग-अलग लोगों में वितरित किया जाता है। साथ ही अलग-अलग किश्त में दिया जाता है। प्रथम किश्त जब मिलती है जब सूचना पर सफल डिकॉय कार्रवाई होने पर प्रकरण को सूचीबद्ध किया जाता है। इस दौरान मुखबिर को पचास हजार रुपए, गर्भवती महिला को पचास हजार तथा गर्भवती महिला के सहयोगी को पच्चीस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं। इसके बाद दूसरी किश्त न्यायालय में अभियोजन पक्ष के बयान देने के बाद जारी की जाती है। इसमें मुखबिर को पचास हजार रुपए, गर्भवती को एक लाख तथा सहयोगी को पच्चीस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं। ऐसे में मुखबिर को एक लाख, गर्भवती महिला को डेढ़ लाख तथा सहयोगी को पचास हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं।जिले में 85 सोनोग्राफी पंजीकृत

जिले में 85 सोनोग्राफी मशीनें पंजीकृत है। इनकी समय-समय पर जांच की जाती है। इस साल अभी तक तो एक भी मुखबिर योजना के तहत प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।

योजना के लिए प्रचार-प्रसार की जरूरत

इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पर्याप्त तरीके से प्रसार-प्रचार नहीं हो रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी मुद्दा उठा था। अब जिले के सभी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर तथा पोस्टर लगाया जाए। डॉ.मोहम्मद अबरार पंवार,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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