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बीकानेर,साल के अंतिम महिने में जिला पुलिस के थानों में नये मामले दर्ज करने के बजाय लंबित मामले निपटाने पर ज्यादा फोकस है। इसके चलते तमाम थानों में पुलिस कर्मी सुबह से देर रात तक लंबित मुकदमों को निपटाने में जुटे है। जानकारी में रहे कि जनवरी माह में पुलिस का नया वर्ष शुरू हो जाता है। ऐसे में पूरे वर्ष दर्ज होने वाले यदि उस वर्ष में निस्तारित नहीं हो पाते हैं तो रिकॉर्ड में लंबित चलते हैं। बैठकों के दौरान लंबित मामलों के कारण थानाप्रभारियों को जवाब देना पड़ता है। इसी के चलते दिसंबर माह लगने के साथ ही पुलिस के अधिकारी व कार्मिक मामलों को अधिक से अधिक निस्तारित करने का प्रयास करते है, ताकि लंबित मामले कम रहे और थानों की ग्रेडिंग में भी सुधार हो सके। नए मामले दर्ज करने में भी प्राय: पुलिस कतराती है। खासकर सामान्य किस्म के मामले कम ही दर्ज किए जाते हैं। जानकारी में रहे कि इस साल थानों में दर्ज अपराधिक मुकदमों का आंकड़ा दो हजार के पार पहुंच गया।

इनमें हत्या,डकैती,लूटपाट,फायरिंग,जानलेवा हमलों,चोरी के अलावा धोखाधड़ी,मारपीट और रेप के मामले सर्वाधिक है। अब साल के अंत में पुलिस इन मामलों के निस्तारण में जुटी हुई है। आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो जिले में सबसे ज्यादा अपराधिक मुकदमें नोखा थाने में दर्ज हुए है,जहां चालू दिसम्बर माह में अपराधिक मुकदमों का आंकड़ा छह सौ के करीब पहुंच गया है। इसके बाद नया शहर थाना दूसरे नंबर पर है जहां अब तक साढे पांच सौ से ज्यादा अपराधिक मुकदमें दर्ज हो चुके है। इस मामले में तीसरे नंबर सदर थाना है जहां अब तक साढे चार सौ मुकदमें दर्ज हो चुके है।

जबकि कालू,सेरूणा,महाजन,जामसर ऐसे थाने है जहां अपराधिक मुकदमों का आंकड़ा डेढ सौ-दो सौ से ज्यादा नहीं है। वहीं महिला थाने में इस साल दहेज प्रताडऩा के मुकदमों का आंकड़ा पौने तीस के पार पहुंच चुका है।

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